0 केंद्र ने रेलवे-सड़क पर 1.22 लाख करोड़ खर्च किए
अगरतला। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नॉर्थ-ईस्ट में अब उग्रवाद खत्म हो गया है, इसलिए लोगों को जल्दी न्याय दिलाने के लिए पुलिस का दृष्टिकोण बदलने का वक्त आ गया है। हमें एफआईआर दर्ज होने से 3 साल के अंदर न्याय दिलाने की जरूरत है। शाह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल (एनईसी) के 72वें प्लेंट्री सेशन (पूर्ण अधिवेशन) में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल में 20 शांति समझौतों पर साइन करके नॉर्थ-ईस्ट में शांति लाई है। इस दौरान 9 हजार उग्रवादियों ने हथियार डाले हैं। केंद्र ने नॉर्थ-ईस्ट में रेलवे पर 81,000 करोड़ रुपए और सड़क नेटवर्क पर 41,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
इस अवसर पर नॉर्थ-ईस्ट डेवलपमेंट मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ नॉर्थ-ईस्ट के सभी आठ राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे। 2008 के बाद यह दूसरी बार है जब अगरतला में यह प्लेंट्री सेशन हो रहा है।
एनईसी नॉर्थ-ईस्ट के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नोडल एजेंसी है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं। अमित शाह इसके अधिवेशन में शामिल होने के लिए शुक्रवार को ही त्रिपुरा पहुंच गए थे।
सितंबर में एनएलएफटी और एटीटीएफ के साथ केंद्र का समझौता
केंद्र सरकार और त्रिपुरा सरकार ने इसी साल 4 सितंबर को दो उग्रवादी संगठनों नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के साथ शांति समझौता किया था। इस समझौता ज्ञापन पर साइन करने के लिए खुद गृह मंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के साथ मौजूद रहे थे। दोनों उग्रवादी संगठन करीब 35 साल से सक्रीय थे। शांति समझौते पर साइन के साथ ही दोनों संगठनों के 328 कैडरों ने हथियार डाले थे। शाह बताया था कि यह नॉर्थ-ईस्ट के लिए 12वां समझौता है।
मार्च में टीआईपीआरए मोथा संगठन के साथ शांति समझौता हुआ था
त्रिपुरा के मूल निवासियों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इसी साल मार्च में टीआईपीआरए मोथा, त्रिपुरा और केंद्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि मैं त्रिपुरा के सभी लोगों को आश्वस्त करता हूं कि अब आपको अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। भारत सरकार आपके अधिकारों की सुरक्षा के लिए सिस्टम बनाने में दो कदम आगे रहेगी।
पिछले साल असम के उग्रवादी संगठन उल्फा से समझौता हुआ
असम का उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) ने 29 दिसंबर, 2023 को केंद्र और असम सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौता साइन किया था। गृह मंत्री और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में यह समझौता हुआ था। इसके बाद उल्फा के 700 कैडरों ने सरेंडर किया था।