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0 रायपुर व सुकमा के 7 ठिकानों पर छापेमारी

रायपुर/सुकमा। कांग्रेस शासनकाल में हुए शराब घोटाले केस में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने शनिवार को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, बेटे हरीश लखमा व उनसे जुड़े कुछ करीबियों के रायपुर व सुकमा स्थित 7 ठिकानों पर छापेमारी की है। रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले में टीम पहुंची। यहां दस्तावेज खंगालने के बाद अफसर पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली। बंगले में बड़ी संख्या में सीआरपीएफके जवान मौजूद रहे। ईडी की टीम ने रायपुर में लखमा परिवार के करीबी कांग्रेस नेता सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित घर में भी छापेमारी की। इसके साथ ही टीम ने सुकमा नगरपालिका अध्यक्ष राजू साहू, इलाके के बड़े ठेका फर्म आरएसबी के संचालक के ठिकाने पर भी दबिश दी है। 

जानकारी के मुताबिक शनिवार सुबह 8 बजे ईडी की टीम सीआरपीएफ के सशस्त्र पुरुष-महिला जवानों के साथ रायपुर के धरमपुरा स्थित विधायक कालोनी के घर पर पहुंची। उस समय कवासी लखमा घर पर ही थे। इसी तरह सुकमा में ईडी टीम पहुंची तो कवासी के बेटे हरीश व राजू भी घर पर ही मौजूद थे। बताया जाता है कि हरीश और राजू काफी करीबी दोस्त हैं। रायपुर ईडी की करीब 10 अफसरों ने कवासी लखमा से पूछताछ की। टीम ने घर में सभी दस्तावेजों की जांच की। 

बता दें कि छह बार के कोंटा विधायक कवासी लखमा कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री थे। उनके की कार्यकाल में शराब घोटाला हुआ। इसे लेकर पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, आईटीएस अफसर एपी त्रिपाठी, अनवर ढेबर समेत डेढ़ दर्जन सरकारी अधिकारी, कर्मचारी व कारोबारी जेल में हैं। इस घोटाले के दौरान कवासी लखमा मंत्री रहे और इस मामले में लखमा पर एफआईआर दर्ज है। जिन्हें हर महीने 50 लाख दिए जाने का जिक्र है।  

2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ईडी ने आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था। इसके बाद एसीबी इस मामले में अलग से कार्रवाई कर रही है। एफआईआर में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी एफआईआर में शामिल है, जिन्हें हर महीने 50 लाख दिया जाता था।