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0 पंचायत चुनाव तीन चरणों में 17, 20 व 23 फरवरी को, नतीजे 18, 21 व 24 फरवरी को
0 निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय व पंचायत चुनावों की तिथि का किया ऐलान 
0 छत्तीसगढ़ में आचार संहिता लागू 
0 निकाय चुनाव ईवीएम से व पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से होंगे
0 इस बार निकाय चुनाव में 5 लाख नए वोटर्स बढ़ गए
0 निकायों में 10 नगर निगम, 49 नगर पालिका व 114 नगर पंचायतों के होंगे चुनाव
0 प्रदेश में कुल 14 नगर निगम, 54 नगर पालिका व 124 नगर पंचायतें हैं  
0 दुर्ग व सुकमा निकाय के 5 वार्डों में भी उपचुनाव होंगे   

रायपुर। छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग ने सोमवार को प्रदेश के नगरीय निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तिथि की घोषणा कर दी। इसी के साथ प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव 11 फरवरी को होंगे। वहीं 15 फरवरी को नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के नतीजे आ जाएंगे। इस बार नगरीय निकाय के चुनाव ईवीएम से ही होंगे। वहीं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इस बार 3 चरणों में 17, 20 और 23 फरवरी को होंगे। इसके नतीजे 18, 21 और 24 फरवरी को आएंगे। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से होंगे। प्रदेश में अब कुल 192 नगरीय गए हैं, जिनमें 14 नगर निगम, 54 नगर पालिका व 124 नगर पंचायतें हैं। इनमें से अभी 10 नगर निगम, 49 नगर पालिका व 114 नगर पंचायतों में चुनाव होंगे। साथ ही दुर्ग व सुकमा के नगरीय निकायों में रिक्त स्थानों के लिए 5 वार्डों में भी उपचुनाव होंगे।  

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त अजय सिंह नवा रायपुर स्थित निर्वाचन कार्यालय में निकाय व पंचायत चुनावों की तिथि की घोषणा करते हुए कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन ना हो इसके लिए जिलों में अलग से टीम बनाने का निर्देश जारी किया गया है। आज 20 जनवरी को चुनाव घोषणा के बाद से 24 फरवरी तक आचार संहिता लागू रहेगी।

छत्तीसगढ़ में 21 साल में 17 लाख शहरी वोटर्स बढ़ गए हैं। 2004 में हुए पहले नगरीय निकाय चुनाव के दौरान मतदाताओं की कुल संख्या 28 लाख 34 हजार 547 थी। जो बढ़कर 44 लाख 87 हजार 668 हो गई है। इनमें 22 लाख 20 हजार 224 पुरुष मतदाता, 22 लाख 66 हजार 746 महिला मतदाता और 498 थर्ड जेंटर मतदाता हैं। सभी निकायों में कुल 3206 वार्ड हैं, जिसके लिए 5982 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसी तरह पिछले चुनाव यानी साल 2019 में हुए निकाय चुनाव के हिसाब से 5 लाख वोटर्स इस बार बढ़ गए हैं। 2019 में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं के मुकाबले कम थी। इस बार पुरुषों के मुकाबले 46 हजार महिला वोटर्स ज्यादा हैं। हालांकि ये आंकड़े उन्हीं निकायों के हैं, जहां चुनाव हो रहे हैं।

निगम चुनाव के लिए नामांकन 22 जनवरी से प्रारंभ होगा। नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 28 जनवरी है व जांच 29 जनवरी को होगी। 31 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मतदान 11 फरवरी को तथा मतगणना 15 फरवरी को होगी। इसी प्रकार 54 नगर पालिका और 124 नगर पंचायतों में से 114 नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए चुनाव कराये जायेंगे।
पंचायत चुनाव तीन चरणों में संपन्न होगा। नामांकन 27 जनवरी से शुरू होगा। नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 3 फरवरी है, जांच 4 फरवरी को होगी और 6 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। पहले चरण का मतदान 17 फरवरी को, दूसरे चरण का मतदान 20 फरवरी तथा तीसरे चरण का मतदान 23 फरवरी हो संपन्न होगा। इसी प्रकार मतगणना 18 21 व 24 फरवरी को होगी।

1 लाख से अधिक मतदान कर्मी सम्पन्न कराएंगे
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत 433 जिला पंचायत और 2 हजार 973 जनपद पंचायत सदस्य हैं। जबकि 11 हजार 672 ग्राम पंचायत सरपंच 1 लाख 60 हजार 180 ग्राम पंचायत पंच का चुनाव होगा। वहीं 1 करोड़ 58 लाख 12 हजार 580 कुल मतदाता है। जिसमें पुरुष मतदाता 78 लाख 20 हजार 202 और महिला मतदाता 79 लाख 92 हजार 184 हैं। इसके अलावा अन्य मतदाता 194 हैं। आगमी चुनाव में 1 लाख से अधिक मतदान कर्मी चुनाव सम्पन्न कराएँगे।

प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों की स्थिति
छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायतों में 27 जिला पंचायत, 146 जनपद पंचायत व 11672 ग्राम पंचायतें हैं। प्रदेश में कुल 20619 गांव हैं। 

भूपेश सरकार ने 2019 में कराया अप्रत्यक्ष चुनाव 
1999 में अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार ने मेयर चुनने का अधिकार पार्षदों से छीनकर जनता को दिया था। 2019 तक छत्तीसगढ़ में भी डायरेक्ट चुनाव हुए। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद साल 2019 में भूपेश सरकार ने अध्यक्ष और महापौर के चुनाव का अधिकार जनता से छीनकर चुने हुए पार्षदों को दे दिया था। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद विष्णुदेव साय की सरकार ने फिर से पुराने नियमों पर ही चुनाव कराने का फैसला लिया। इस साल चुनाव प्रत्यक्ष ही होंगे। वोटर्स ही पार्षद के साथ महापौर को भी चुनेंगे।

आचार संहिता में ये काम नहीं हो सकेंगे
0 किसी भी काम का नया ठेका नहीं दिया जा सकता। सांसद निधि, विधायक निधि, जन प्रतिनिधियों के कोष से होने वाले काम रोक दिए जाएंगे। किसी नए काम की घोषणा नहीं होगी।
0 सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।
0 सरकारी वाहन किसी दल या प्रत्याशी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं होंगे।
0 सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते।
0 प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती पर बैन रहेगा।
0 उपलब्धियों वाले जो होर्डिंग/विज्ञापन सरकारी खर्च से लगे हैं उन सभी को तुरंत हटाया या छिपाया जाता है।
0 कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता।
0 संबंधित राज्य/केंद्रीय सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों से मंत्रियों/राजनेताओं/राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को निकाल दिया जाता है।

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