
कोलंबो/नई दिल्ली। श्रीलंका ने सड़क और रेल-पुल के माध्यम से दोनों देशों को जोड़ने वाली भूमि संपर्क परियोजना के निर्माण के भारत के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि वह अभी भूमि संपर्क के लिए तैयार नहीं है।
‘डेली मिरर’ ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के साथ कोलंबो में आयोजित बैठक में यह प्रस्ताव रखा था। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में श्री दिसानायके की यात्रा के दौरान भी भारत ने जिस प्रस्ताव का उल्लेख किया था, उसे अव्यवहारिक मानते हुए अस्वीकार कर दिया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल में दोनों नेताओं की बैठक के दौरान यह मुद्दा चर्चा में शामिल नहीं था। फिर भी हाल ही में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान श्री मोदी ने दोनों देशों के बीच भूमि संपर्क के महत्व और इससे होने वाले कई लाभों का उल्लेख किया। दोनों देशों को जोड़ने वाले भूमि पुल का विचार सबसे पहले 2002/2004 की सरकार के दौरान आया था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे थे। भूमि संपर्क परियोजना का उल्लेख वर्ष 2023 में राष्ट्रपति के रूप में प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान एक संयुक्त बयान में भी किया गया था।
श्री मोदी ने हाल में अपनी श्रीलंका यात्रा के बाद राम सेतु का अवलोकन किया, जो प्राचीन काल में श्रीलंका और भारत को जोड़ता था। कहा जाता है कि भगवान राम की सेना ने लंका पर चढ़ाई के दौरान इस प्राचीन भूमि पुल का निर्माण किया था, जिसका भारत और श्रीलंका दोनों ही देशों में इसका भूवैज्ञानिक, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है।
