
0 88 साल की उम्र में वेटिकन में निधन
0 फेफड़ों और किडनी में गंभीर संक्रमण था
वेटिकन सिटी। कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार सोमवार को सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली। पोप के निधन की खबर मिलते ही दुनियाभर में शोक की लहर फैल गई। पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। वेटिकन सिटी में 9 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। सुबह पौने दस बजे अपोस्टोलिक चैंबर के कैमरलेंगो, कार्डिनल केविन फैरेल ने कासा सांता मार्टा से पोप फ्रांसिस की मृत्यु की घोषणा की। अपने वह मूलत: अर्जेंटीना के रहने वाले थे। पोप की पदवी हासिल करने के पहले उनका नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था।
कार्डिनल ने कहा कि प्रिय भाइयों और बहनों, मुझे गहरे दुख के साथ हमारे पवित्र पिता फ्रांसिस के निधन की घोषणा करनी पड़ रही है। आज सुबह 7:35 बजे, रोम के बिशप, फ्रांसिस, परमपिता के घर लौट गए। उनका पूरा जीवन प्रभु और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था। उन्होंने हमें निष्ठा, साहस और सार्वभौमिक प्रेम के साथ सुसमाचार के मूल्यों को, विशेष रूप से सबसे गरीब और सबसे हाशिए के लोगों के हित में जीना सिखाया। प्रभु यीशु के एक सच्चे शिष्य के रूप में उन्होंने जो उदाहरण पेश किया, उसके लिए अत्यधिक आभार के साथ, हम उनकी सराहना करते हैं। पोप फ्रांसिस की आत्मा एक और त्रिएक ईश्वर के असीम दयालु प्रेम के प्रति समर्पित है।
पिछले कई महीनों से वे स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। वे 5 हफ्ते तक फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते अस्पताल में भर्ती थे।
इलाज के दौरान कैथलिक चर्च के हेडक्वॉर्टर वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। हालांकि 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था।
पोप फ्रांसिस 1300 साल में पहले गैर-यूरोपीय थे, जिन्हें पोप चुना गया था। पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक व्यक्तियों के चर्च आने, सेम-सेक्स कपल्स को आशीर्वाद देने, पुनर्विवाह को धार्मिक मंजूरी देने जैसे बड़े फैसले लिए। उन्होंने चर्चों में बच्चों के यौन शोषण पर माफी भी मांगी थी।
पोप का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार होगा। इसमें कई दिनों तक चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान होंगे। उनके पार्थिव शरीर को दर्शनों के लिए रखा जाएगा। दुनिया भर से लोग अंतिम संस्कार से पहले उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। अभी तक अंतिम संस्कार के समय की घोषणा नहीं की गई है।
पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर दुख जताया
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख की इस घड़ी में दुनिया के कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे।

