
0 पाकिस्तान में 4 और पीओके में 5 समते कुल 9 आतंकी शिविर ध्वस्त
0 लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय, भर्ती, प्रशिक्षण केन्द्र नेस्तनाबूद
नई दिल्ली। आखिरकार भारत ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर ही दी। इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार आधी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और पीओके, यानी पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर एयर स्ट्राइक की। इस हमले में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। भारत की ये जवाबी कार्रवाई पहलगाम हमले के 15 दिन बाद की गई है और इसका नाम दिया है ‘ऑपरेशन सिंदूर’। ये नाम उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पतियों की पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए तीनों सेनाओं की तारीफ की। ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि ये नया भारत है। पूरा देश हमारी ओर देख रहा था। ये तो होना ही था। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा- भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर को पूरी रात मॉनिटर करते रहे।
सरकार ने एयर स्ट्राइक के 9:30 घंटे बाद जानकारी दी
सेना ने एयर स्ट्राइक के 9:30 घंटे बाद सुबह 10:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्याेमिका सिंह ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में देश को 6 और 7 मई की दरमियानी रात को 1.05 मिनट से 1.30 बजे तक चले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी। ब्रीफिंग से पहले एक स्लाइड में बताया गया कि पाकिस्तान कई दशकों से आतंकवाद को बढावा दे रहा है और आतंकवादियों के हमलों में अब तक करीब 350 आम लोग और 600 से अधिक सुरक्षाकर्मी मारे गये हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में जिन 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया है, उनमें से चार पाकिस्तान में और 5 पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में हैं। इन ठिकानों पर आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय, भर्ती , प्रशिक्षण केन्द्र और लांच पैड़ हैं।
श्री मिस्री ने जोर देकर कहा कि बीती रात सीमापार की गई कार्रवाई नपी तुली, गैर उकसावे वाली एवं जिम्मेदाराना थी जिसका उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को नेस्तनाबूद करना और आतंकवादियों को आगे किसी भी ऐसी हरकत के लिए अक्षम बनाना था। इस कार्रवाई में पाकिस्तान के किसी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। इसमें निर्दोष लोगों की जान नहीं गयी और न ही उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पहलगाम हमले के बाबत जारी बयान की भावना के अनुरूप है। विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मॉड्यूल पर हमारी खुफिया निगरानी से संकेत मिला था कि भारत पर आगे भी हमले हो सकते हैं, अत: इन्हें रोकना और इसने निपटना दोनों को बेहद आवश्यक समझा गया। आज सुबह भारत ने इस तरह के सीमा पार हमलों का जवाब देने और उन्हें रोकने तथा उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है। श्री मिस्री ने कहा कि 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस वक्तव्य में टीआरएफ (दि रज़िस्टेंस फ्रंट) के संदर्भ को हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकी हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं।
विदेश सचिव ने पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी दी और कहा कि 22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित पाकिस्तानी और पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी। उन्होंने लोगों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मारी। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया और उन्हें नसीहत दी गई कि वो वापस जाकर इस संदेश को पहुंचा दें। यह हमला स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया था।
जैश सरगना मसूद के परिवार के 10 सदस्य व 4 करीबी मारे गए
जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर ने बुधवार को कबूला कि बहावलपुर में उसके संगठन के मुख्यालय पर भारतीय मिसाइल हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए। परिजनों के मारे जाने ने पर मसूद ने कहा कि अच्छा होता मैं भी मारा जाता। हमले में मारे गए लोगों में जैश सरगना की बड़ी बहन और उसका पति, एक भांजा और उसकी पत्नी, एक भांजी और परिवार के 5 अन्य बच्चे शामिल हैं। साथ ही अजहर के एक करीबी सहयोगी, उसकी मां और दो अन्य करीबी साथी मारे गए।
इन आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया
0 पीओके में मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर के सवाई नाला ट्रेनिंग सेंटर को सबसे पहले निशान बनाया गया। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी।
0 मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप। यहां हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी।
0 कोटली का लश्कर का गुरपुर कैंप। पूंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हमला करने वाले आतंकी यहीं ट्रेंड हुए थे।
0 भिम्बर का बरनाला कैंप। यहां हथियार चलाना सिखाया जाता है।
0 कोटली का अब्बास कैंप। यह एलओसी से 13 किमी दूर है। यहां फिदायीन तैयार होते हैं।
0 सियालकोट का सरजल कैंप। मार्च 2025 में पुलिस जवानों की हत्या के आतंकवादियों को यहीं ट्रेन किया गया था।
0 सियालकोट का हिजबुल महमूना जाया कैंप। पठानकोट हमला यहीं प्लान किया गया।
0 मुरीदके का मरकज तैयबा कैंप। अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली यहीं ट्रेन हुए थे।
0 मस्जिद सुभान अल्लाह बहावलपुर जैश का हेडक्वार्टर था। यहां रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग दी जाती थी। बड़े अफसर यहां आते थे।


