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0 अमेरिका ने 125 जेट भेजे, इनमें 7 बी-2 बंकर बस्टर बॉम्बर
0 3 न्यूक्लियर साइट्स पर 14,000 किलो के दर्जनभर बम गिराए
वाशिंगटन/तेहरान/तेल अवीव। ना-नुकूर के बाद आखिरकार अमेरिका रविवार को ईरान के खिलाफ जंग में उतर गया। अमेरिका ने रविवार सुबह 4:30 बजे ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया। हमले में अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।  

ईरान पर हमले के करीब 13 घंटे बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने हमले की डिटेल दी है। जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने बताया कि इस मिशन में 125 एयरक्राफ्ट शामिल थे।इस ऑपरेशन में 7 बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया, जिन्होंने ईरान के फोर्डो और नतांज न्यूक्लियर ठिकानों पर 13,608 किलो वजनी बस्टर बम गिराए।

सैटेलाइट इमेज में दिखी फोर्डो साइट की धंसी जमीन
फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी की सैटेलाइट तस्वीरों में उन इलाकों को दिखाया गया जहां बम गिरने की आशंका है। वहीं साइट के एक हिस्से में जमीन धंसता हुआ दिखाई दे रहा है।

ईरान के न्यूक्लियर साइट्स तबाह किएः ट्रम्प 
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ईरान की अहम न्यूक्लियर साइट्स 'obliterate' यानी कि पूरी तरह से तबाह कर दी गई हैं। फोर्डो पर बमों की एक पूरी खेप गिरा दी गई है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान को धमकी देते हुए कहा कि अब उसे शांति कायम करनी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे।

अमेरिका ने लेबनान से कर्मचारियों को लौटने का आदेश दिया
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने लेबनान में तैनात गैर-आपातकालीन सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को तुरंत देश छोड़ने का आदेश दिया है। इसके पीछे लेबनान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति का हवाला दिया गया है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक अमेरिका ने नागरिकों को ईमेल भेजकर यह जानकारी दी है।

यूएनएससी में इमरजेंसी बैठक
ईरान पर हुए अमेरिकी हमले को लेकर रविवार रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी बैठक हुई। यह बैठक भारतीय समयानुसार रात 12:30 बजे शुरू हुई। ईरान ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र में अनुरोध किया था। इसके साथ ही रूस और चीन ने भी यूएनएससी की आपात बैठक बुलाने की मांग की थी। 

ईरान की संसद में तेल-गैस का रास्ता रोकने के प्रस्ताव को मंजूरी
ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस फैसले को अंतिम मंजूरी ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल देगी। स्ट्रेट ऑफ होर्मुज दुनिया के सबसे अहम समुद्री चोकपॉइंट में से एक है। यह ओमान की खाड़ी, ओमान, ईरान, पाकिस्तान और यूएई के बीच है। यह अरब सागर को फारस की खाड़ी से जोड़ती है। यह क्षेत्र इजराइल-ईरान तनाव की खास वजह है, क्योंकि दुनिया का 20% तेल इसी स्‍ट्रेट ऑफ होर्मुज से होकर गुजरता है। ईरान धमकी दे चुका है कि वह इस रास्ते को बंद कर सकता है, जिसका असर तेल बाजार और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़े सकता है।

 

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