
0 केंद्रीय गृह अमित शाह ने सोमवार को नवा रायपुर में सुरक्षा बलों के जवानों के साथ संवाद किया
0 प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जब मार्च, 2026 में देश नक्सलवाद से मुक्त होगा, वो क्षण आजादी के बाद के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा
0 नक्सल प्रभावित क्षेत्र का बच्चा जब हाथ में बंदूक की जगह पेंसिल पकड़ता है, तो न सिर्फ एक क्षेत्र बल्कि पूरे देश का भविष्य संवरता है
0 नक्सली हिंसा गरीबों और आदिवासियों के लिए बहुत बड़ी विभीषिका रही
0 जिस क्षेत्र से नक्सलवाद ख़त्म हो रहा है, वहां हमारी सरकार सभी बुनियादी चीजें पहुंचाकर लाल आतंक का समूल नाश कर रही है
रायपुर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नवा रायपुर में सुरक्षा बलों के जवानों के साथ संवाद किया। बैठक में मुख्य मंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, बीएसएफ के महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज यहां उपस्थित केंद्रीय सुरक्षा बलों, कोबरा टीम, छत्तीसगढ़ पुलिस बल और डीआरजी के साहस, शौर्य, बलिदान और समर्पण को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सुरक्षा बल के जवान अपने शौर्य और परिश्रम से ही नक्सलियों के साथ मुठभेड़ को सफल बनाते हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जब देश नक्सलवाद से मुक्त होगा तो वह क्षण आजादी के बाद के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा और नक्सलवाद के खात्मे के इतिहास में सुरक्षा बलों का बलिदान तथा परिश्रम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने जिस शौर्य, धैर्य और समर्पण के साथ माओवादियों के बनाये अड्डों को तहस-नहस किया है, उसने विश्व के सभी सुरक्षा बलों को आश्चर्यचकित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि सेना के जवान जो तय करते हैं, वो हासिल करते हैं। सुरक्षा बलों के इसी भरोसे से मैं देश में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का ऐलान करता हूं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद गरीब आदिवासी क्षेत्र के लिए बड़ी विभीषिका रही है, जिससे पिछले 35 साल में लगभग 40 हजार लोगों की मौत हुई है या फिर वो अपाहिज होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।नक्सलवादी हिंसा ने गरीब आदिवासी तक खाना, बिजली, शिक्षा, घर, शौचालय और पीने का शुद्ध पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं को नहीं पहुंचने दिया और उद्योग को तो भूल ही जाइए। इतने लंबे वर्षों तक इतना बड़ा क्षेत्र गुलामी के कालखंड में जीने को मजबूर रहा। इसका मूल कारण नक्सलवाद है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मुझे आज आनंद है कि आज जिस क्षेत्र से नक्सलवाद खत्म होता है, वहां हमारी सरकार अनाज, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, बिजली, घर, शौचालय और पीने का शुद्ध पानी पहुंचाकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही है। उन्होंने कहा कि जब बच्चा हाथ में बंदूक की जगह पेंसिल पकड़कर क, ख, ग लिखता है, तो न सिर्फ एक क्षेत्र का बल्कि पूरे देश का भविष्य संवरता है। यह क्षण जल्द ही आने वाला है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में जब 31 मार्च, 2026 को देश नक्सलवाद से मुक्त होगा, वो क्षण आजादी के बाद का सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब नक्सलवाद के खात्मे का इतिहास लिखा जायेगा, उसमे सुरक्षा बलों के जवानों का त्याग, बलिदान और परिश्रम स्वर्णिम अक्षरों से अंकित होगा।
बस्तर फाइटर्स से मिले शाह
रायपुर में अमित शाह बीएसएफ कमांडर और बस्तर फाइटर्स के जवानों से मुलाकात किया। कुछ समय पहले दिल्ली में उन्होंने प्रदेश के आईपीएस अफसरों से मुलाकात की थी, जो नक्सल ऑपरेशन को लीड कर रहे थे। तब ट्वीट के जरिए शाह ने कहा था कि मैं जवानों से मिलने जल्द आउंगा। दरअसल, हाल ही में प्रदेश की पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ की टीमों ने मिलकर कई बड़े ऑपरेशन किए हैं। इसमें नक्सलियों से बड़े नेता मारे गए हैं। नक्सलियों का खात्मा करने वाले जवानों से मिलकर शाह उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं।
बसवा राजू को मारने वाले जवानों से मुलाकात
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में स्थिति इरकभट्टी कैंप के जवानों से मुलाकात की। ये वही टीम है जिसने अबूझमाड़ में 10 करोड़ रुपए के इनामी नक्सली बसवा राजू को मार गिराया था। नारायणपुर जिला मुख्यालय से महज 30 से 35 किमी की दूरी पर स्थित है। सालभर पहले ही यहां सुरक्षाबलों का कैंप खुला है। इससे पहले इस जगह तक पहुंचना भी मुश्किल था। लेकिन कैंप खुलने के बाद यहां सड़क बनी। जिससे अब चार चक्का वाहन के माध्यम से भी बड़ी आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है।
जिन हाथों में बंदूक थी अब किताब है
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में ‘लियोर ओयना’ - नक्सलियों द्वारा आदिवासियों के भीषण संहार और बस्तर को बचाने के प्रयासों पर लिखित पुस्तक का लोकार्पण भी किया। नक्सलियों ने जिन मासूम, निहत्थे लोगों को अपनी हिंसा का शिकार बनाया है, उनकी पीड़ा समझने में यह पुस्तक सहायक होनेवाली है। यह पुस्तक ह्यूमन राइट के नाम पर नक्सलियों से संवेदना दिखाने वालों के आँखों के आगे से पर्दा हटाने और उन्हें एक्सपोज करने में भी उपयोगी सिद्ध होगी।
इस मौके पर बीजापुर से आए स्टूडेंट्स से अमित शाह ने मुलाकात की। इसके बाद सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि जिन मासूम बच्चों के हाथों में कभी नक्सलियों ने बंदूकें थमा दी थी, आज उनके हाथों में किताबें देकर उनका भविष्य संवारा जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की 'लियोर ओयना' योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को रायपुर लाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़, उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा रहा है। आज इस योजना के तहत नवा रायपुर आए बीजापुर के उसूर और गंगालूर विकासखंड के युवाओं से भेंट कर मन आनंदित है।


