Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने

टाइटसविले (फ्लोरिडा)/नई दिल्ली। लगातार टल रहे एक्सिओम-4 मिशन बुधवार को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर (केएससी) सफलतापूर्वक लांच हो गया। यह मिशन पहले 6 बार तकनीकी दिक्कतों के कारण टल चुका था। इसमें भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने यह उड़ान अपने 3 साथियों के साथ ‘स्पेसएक्स फाल्कन 9’ रॉकेट में सवार होकर भरी। भारत को यह उपलब्धि विंग कमांडर राकेश शर्मा के 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा करने के 41 साल बाद मिली है। 

यह अंतरिक्ष मिशन 26 जून को शाम लगभग 4 बजे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से जुड़ेगा। पूरी यात्रा में लगभग 28 घंटे का समय लगेगा। इस मिशन ने देशभर में उत्साह का माहौल बना दिया है।

कहा- कंधे का तिरंगा देश से जोड़े हुए हैं
लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला ने जैसे ही ‘स्पेसएक्स फाल्कन 9’ रॉकेट में सवार होकर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी, वैसे ही उनके माता-पिता की आंखों से आंसू बह निकले। दोनों इस दौरान बेटे का हौसलाअफजाई करते हुए काफी भावुक दिखे।  अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुभांशु ने कहा- व्हाट ए राइड। मेरे कंधे पर लगा तिरंगा बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूं। वहीं लॉन्चिंग सफल होने पर शुभांशु के माता-पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हो गए। उन्होंने बेटे की सफलता पर ताली बजाकर खुशी जताई।

41 साल बाद कोई भारतीय एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में गया
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी। शुभांशु का ये अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आएगा। ये भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य भारतीय गगनयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है। इसके 2027 में लॉन्च होने की संभावना है। भारत में एस्ट्रोनॉट को गगनयात्री कहा जाता है। इसी तरह रूस में कॉस्मोनॉट और चीन में ताइकोनॉट कहते हैं।

 

 

 

tranding
tranding
tranding