
रायपुर। सदन में विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज का दिन हमारी छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए संसदीय परंपरा को ठेस पहुंचाने वाला रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि एक तरफ हम रजत जयंती वर्ष में अपने संसदीय गौरव और गरिमामयी इतिहास की बात कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ विपक्ष के विधायकों द्वारा वेल में प्रवेश उपरांत स्वतः निलंबन के बाद भी सदन से बाहर जाने की जगह नारेबाजी करते हुए विधानसभा की परंपराओं को तार-तार कर नियमावली की धज्जियां उड़ाने का काम किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रतिपक्ष के इस व्यवहार के बाद मुझे अत्यंत खेद के साथ प्रश्नकाल की प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा, वो प्रश्नकाल जो कि छत्तीसगढ़ की जनता के विषयों से सीधा जुड़ा होता है। उसे बाधित करना प्रतिपक्ष द्वारा एक अत्यंत दुःखद आचरण है। प्रश्नकाल को बाधित करना बहुत ही गलत परंपरा है। आज जो कुछ हुआ 25 साल के इतिहास में नहीं हुआ। मेरे द्वारा आग्रह करने के बाद विपक्षी सदस्य गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे। यह बहुत ही दुःखद था। मैं बहुत दुखी मन से विपक्षी सदस्यों को सदन की आज पूरे दिन की कार्यवाही से निलंबित करता हूं।
सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा व्यवस्था देने के बावजूद विपक्ष का व्यवहार सदन की गरिमा के विपरीत रहा। विधानसभा के 25 साल के संसदीय सत्र में कभी ऐसा नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां अव्यवस्था फैलाने का काम किया।
क्या हुआ था सदन में
बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को खाद संकट पर विपक्षी सदस्यों की लगातार नारेबाजी से प्रश्नकाल बाधित हुआ। इससे नाराज स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने बीच में प्रश्नकाल को स्थगित कर दिया।