
0 झाड़ियों में मिली सास-बहू की लाश
0 2 बच्चों सहित 3 लापता, 60 बकरियां भी बह गईं
बलरामपुर/रामानुजगंज। बलरामपुर जिले में मंगलवार आधी रात को लुत्तीसढ़सा स्थित पुराना बांध टूटने से दो मकान बह गए। दोनों मकान में सो रहे एक ही परिवार के 7 लोग भी बह गए थे, जिनमें से 4 लोगों की मौत हो गई। एक बच्चे और महिला की डेड बॉडी बुधवार सुबह मिली है। वहीं दो के शव कल रात ही मिल गए थे। मृतकों में एक गर्भवती महिला शामिल है। लापता तीन लोगों की तलाश की जा रही है। घटना रामानुजगंज थाना क्षेत्र की है।
बता दें कि, बांध टूटने से निचले इलाके के 4 घर बाढ़ की चपेट में आकर बह गए। हादसे में इन घरों के 7 लोग चपेट में आ गए। घटना की सूचना पर देर रात से रेस्क्यू टीम के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
बलरामपुर जिले में दो दिनों से हो रही बारिश से बांध लबालब हो गया था। यह मिट्टी का बांध है, जो साल 1981 में बनाया गया था। ओवर फ्लो होने के कारण मंगलवार रात करीब 11 बजे से 11.30 बजे के बीच मेड़ टूट गई और बांध बह गया।
बच्चे और महिला का शव मिला
बांध टूटने से बहे गणेश खैरबार के बड़े बेटे कार्तिक खैरबार (6 वर्ष) का शव बुधवार सुबह मिल गया है। वह कक्षा पहली का छात्र था। गणेश खैरबार के छोटे बेटे (4 वर्ष) का पता नहीं चला है। वह आंगनबाड़ी में पढ़ता था। बाढ़ में बही एक अन्य महिला चिंता (30) का शव भी मिल गया है। बाढ़ में बहे संजीवन की बेटी प्रिया (6 वर्ष), सहित दो बच्चे और गणेश खैरबार की तलाश की जा रही है। बाढ़ में जीतन राम की करीब 60 बकरियां भी बह गई।
तैरकर लोगों ने बचाई जान
ग्रामीणों ने बताया कि रात को जब बांध टूटा तो सबसे पहले पानी का सैलाब कालीचरण टोप्पो के घर पहुंचा। जिससे परिवार के 11 अन्य सदस्य पानी में बहने लगे। कालीचरण टोप्पो ने बांस को पकड़ लिया, जिससे उसकी जान बच गई।
कालीचरण की पत्नी फुलमनी टोप्पो दीवार के नीचे दब गई थी, जिसे बाद में निकाला गया। दोनों घायल हो गए हैं। कालीचरण के परिवार के अन्य सदस्यों ने तैरकर जान बचाई। इसके बाद पानी का सैलाब रामवृक्ष खैरबार के घर पहुंचा, जिसमें उसका पूरा घर और परिवार के सभी सदस्य बह गए। रामवृक्ष झाड़ी पकड़कर बाहर निकल गया। उसकी पत्नी, बेटा दो बहुएं और बच्चे पानी में बह गए।
देर रात 2 ग्रामीणों का शव मिला
बांध के निचले इलाके में रहने वाले रामवृक्ष खैरबार, उसकी पत्नी बतसिया (60), बेटा गणेश खैरबार, बहू रजंती (26) उसके दो बच्चे और दूसरी बहू बाढ़ में बह गए। इसमें बतसिया और रजंती का शव झाड़ियों में फंसा मिला।
धान और टमाटर की फसल बर्बाद
जहां बांध बहा है, वहां से कन्हर नदी की दूरी करीब पांच किलोमीटर है। बाढ़ में बहे लाेगाें की खोजबीन में सैकड़ों लोग जुटे हैं। अब तक कुछ लापता लोगों का पता नहीं चला है। अन्य ग्रामीणों के घर बहे, लेकिन इनके सदस्य बच गए। बाढ़ की चपेट में आकर ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ में लगी धान और टमाटर सहित अन्य फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ की चपेट में आकर ग्रामीणों के कई मवेशी भी बह गए हैं। कुछ की खूंटे में बंधी हालत में मौत हो गई।
जल संसाधन विभाग की लापरवाहीः पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह
घटनास्थल पर बुधवार सुबह पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह पहुंचे। पूर्व विधायक ने कहा कि बांध क्षतिग्रस्त हो गया था। इसकी सूचना ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दी थी, लेकिन मरम्मत नहीं की गई। बांध मुरम वाली मिट्टी से बना था, जो ज्यादा पानी बर्दाश्त नहीं कर सका और बह गया।
कई बांध लबालब, प्रशासन ने किया सतर्क
बलरामपुर जिले में इस साल औसत से 59 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके कारण जिले के सभी बांध लबालब भर गए हैं और नदी, नाले भी उफान पर हैं। इसे देखते हुए पुराने बांध के नीचे रहने वालों को सतर्क भी किया गया है।


