Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 इस्तीफा देने के 53 दिन बाद दिखे जगदीप धनखड़

नई दिल्ली। श्री चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में श्री राधाकृष्णन को पद की शपथ दिलाई। राधाकृष्णन का कार्यकाल 11 सितंबर 2030 तक होगा।
इससे पहले श्री राधाकृष्णन के उप राष्ट्रपति निर्वाचित होने से संबंधित निर्वाचन आयोग का प्रमाण पत्र पढकर सुनाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड, वेंकैया नायडू , हामिद अंसारी , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह , केन्द्रीय मंत्री प्रकाश नड्डा , नितिन गडकरी और कई अन्य केन्द्रीय मंत्री तथा अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इस्तीफा देने के 53 दिन बाद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए। धनखड़ ने 21 जुलाई को हेल्थ इश्यू के कारण इस्तीफा दिया था।
श्री धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद 9 सितम्बर को उप राष्ट्रपति का चुनाव कराया गया था। इस चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदावार रहे श्री राधाकृष्णन निर्वाचित घोषित किये गये थे। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार श्री बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के बड़े अंतर से हराया ।
श्री राधाकृष्णन अब तक महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। चार मई, 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे श्री राधाकृष्णन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक हैं। उन्होंने अपना सार्वजनिक जीवन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में शुरु किया और अब वह देश के उप राष्ट्रपति चुने गये हैं।
श्री राधाकृष्णन ने सार्वजनिक जीवन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में शुरु किया और सन 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने।
उन्हें 1996 में तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सचिव नियुक्त किया गया। वे 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1999 में वे पुनः लोकसभा के लिए चुने गए।
सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) संबंधी संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के भी सदस्य रहे। वह स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जाँच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी थे।
श्री राधाकृष्णन ने 2004 में, संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वह भारत से ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे।
श्री राधाकृष्णन 2004 से 2007 के बीच, तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने 93 दिनों तक चली 19,000 किलोमीटर की 'रथ यात्रा' की। यह यात्रा सभी भारतीय नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों की समस्या से निपटने की उनकी मांगों को उजागर करने के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए दो और पदयात्राओं का भी नेतृत्व किया।
श्री राधाकृष्णन को 2016 में, कोच्चि के कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, इस पद पर वह चार वर्षों तक रहे। उनके नेतृत्व में, भारत से कॉयर निर्यात 2532 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। वह 2020 से 2022 तक, भाजपा की केरल इकाई के प्रभारी रहे।
उन्हें प्रशासनिक क्षेत्र का भी अच्छा अनुभव है। उन्हें 18 फ़रवरी, 2023 को, झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अपने पहले चार महीनों के दौरान, उन्होंने झारखंड के सभी 24 ज़िलों की यात्रा की और नागरिकों और ज़िला अधिकारियों से बातचीत की।
उन्होंने 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। झारखंड के राज्यपाल के रूप में उन्होंने करीब लगभग डेढ़ वर्ष तक कार्य किया। उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का कार्यभार भी संभाला ।
श्री राधाकृष्णन अपने कॉलेज के दिनों में टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन और लंबी दूरी के धावक थे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक था। श्री राधाकृष्णन ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, सहित कई देशों की यात्रा की है।