
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति, 'महासागर विजन' और ग्लोबल साउथ के लिए हमारी प्रतिबद्धता में मॉरीशस का विशेष स्थान है और दोनों देशों के बीच साझेदारी और हर क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ रहा है।
भारत यात्रा पर आये मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने अपनी आठ दिन की यात्रा के अंतिम दिन मंगलवार को यहां राष्ट्रपति भवन में श्रीमती मुर्मु से भेंट की।
डा. रामगुलाम नौ सितम्बर को भारत यात्रा पर आये थे। राष्ट्रपति से मुलाकात के साथ ही उनकी यात्रा संपन्न हो गयी। इससे पहले दिन में वह उप राष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन से भी मिले। सुबह वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधी राजघाट और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी की समाधी सदैव अटल भी गये। इस यात्रा के दौरान वह मुंबई, वाराणसी, अयोध्या और तिरुपति भी गये।
श्रीमती मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री रामगुलाम और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति, 'महासागर विजन' और वैश्विक दक्षिण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में मॉरीशस का विशेष स्थान है।
राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत और मॉरीशस के बीच साझेदारी और सहयोग हर क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह हाल ही में संबंधों के प्रगाढ रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक पहुँचने में परिलक्षित होती है।
श्रीमती मुर्मु ने विश्वास व्यक्त किया कि मॉरिशस को भारत की ओर से दिया गया नया विशेष आर्थिक पैकेज मॉरीशस सरकार और लोगों की ज़रूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल, सड़क, बंदरगाह विकास, रक्षा खरीद और संयुक्त निगरानी जैसी परियोजनाएं बुनियादी ढांचे को मज़बूत करेंगी और आने वाले वर्षों में लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग अब डिजिटल तकनीकों और अंतरिक्ष क्षेत्र सहित नए क्षेत्रों में भी बढ़ रहा है।
दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि देशों के बीच संबंध अद्वितीय हैं, जो साझा इतिहास, भाषा, संस्कृति और मूल्यों में निहित हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री रामगुलाम के अनुभव के साथ भारत-मॉरीशस के दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंध आने वाले समय में और मज़बूत होंगे।