
0 सबसे ज्यादा उत्तर-पश्चिम भारत में बरसे बादल, अक्टूबर में भी होगी भारी बारिश
नई दिल्ली/मुंबई/अहमदाबाद। भारत में चार महीने का मॉनसून सीजन (जून-सितंबर) मंगलवार को समाप्त हो गया। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी मंगलवार को दी। इस सीजन 937.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य बारिश 870 मिमी से 8% ज्यादा रही।
आईएमडी चीफ मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि उत्तर-पूर्व भारत में बारिश का रुझान 2020 के बाद घटता जा रहा है। पिछले 20 सालों में क्षेत्र में बारिश में कमी देखी गई है। आमतौर पर देश में मानसून केरल के रास्ते 2 जून को आता है, लेकिन इस बार 8 दिन पहले 24 मई को ही आ गया था। हालांकि देश के कुछ हिस्सों में बारिश जारी है। आईएमडी चीफ मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार देश के अधिकांश हिस्सों में पोस्ट मानसून (अक्टूबर से दिसंबर) के दौरान सामान्य से 15% ज्यादा बारिश होने की संभावना है, सिवाय उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों के, जहां बारिश सामान्य से कम या सामान्य रह सकती है। इसके अलावा, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी पोस्ट मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है।
अगले सात दिन कई राज्यों में बारिश की संभावना
1 अक्टूबर से मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार समेत अन्य राज्यों में बारिश होगी। 2 दिन बाद पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की संभावना है। 2 और 3 अक्टूबर को दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में हल्की बारिश के आसार हैं। थाइलैंड के आसपास एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है। इसके बंगाल की खाड़ी में पहुंचने पर बारिश का एक और दौर आएगा। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि बंगाल की खाड़ी में 1 अक्टूबर के बाद बन रहे कम दबाव के क्षेत्रों के चलते कुछ राज्यों में अगले सात दिन तक मानसून की वापसी होती नहीं दिख रही है। इसके कारण तेज बारिश जारी रहेगी। अनुमान है कि यहां से अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में मानसून विदा होगा। देश में इस बार 108% बारिश हुई है। यानी 8% ज्यादा।
क्षेत्रवार बारिश
0 पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत: 1089.9 मिमी सामान्य से 20% कम। बिहार, अरुणाचल, असम और मेघालय में 4 में से तीन मॉनसून महीनों में कमी दिखी, जो 1901 के बाद दूसरा सबसे कम स्तर है।
0 उत्तर-पश्चिम भारत: 747.9 मिमी, सामान्य से 27.3% अधिक, 2001 के बाद सबसे अधिक। सभी जिलों में जून, अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई।
0 मध्य भारत: 1125.3 मिमी, 15.1% अधिक।
0 दक्षिणी प्रायद्वीप: 716.2 मिमी, सामान्य से 9.9% अधिक।


