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0 20 साल से लोकतंत्र के लिए लड़ रहीं
ओस्लो। नोबेल समिति ने वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया मचाडो को इस साल शांति का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया है। उन्होंने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए 20 साल लगातार संघर्ष किया है।

नोबेल समिति ने कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र कमजोर हो रहा है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत उम्मीद जगाती है। समिति ने कहा कि लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त है। जब सत्ता हिंसा और डर के जरिए जनता को दबाने लगती है, तो ऐसे साहसी लोगों को सम्मान देना जरूरी हो जाता है। मचाडो ने सुमाते नामक संगठन की स्थापना की, जो लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करता है। वे देश में मुफ्त और निष्पक्ष चुनावों की मांग करती रही हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प बीते कई महीने से नोबेल की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन नोबेल कमेटी ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना।

हमने हमेशा बहादुरों को सम्मानित कियाः नोबेल कमेटी 
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने कहा कि हमने हमेशा बहादुर लोगों को सम्मानित किया है जिन्होंने दमन के खिलाफ खड़े होकर आजादी की उम्मीद बनाए रखी। पिछले साल मचाडो को अपनी जान के लिए छिपकर रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने देश में ही रहना चुना, जिससे लाखों लोग प्रेरित हुए।

शावेज का भाषण बंद कराकर दुनियाभर में मशहूर हुईं
मचाडो दुनिया में पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने वेनेजुएला के तत्कालीन राष्ट्रपति का भाषण बंद करा दिया था। यह घटना 14 जनवरी 2012 की है। शावेज संसद में 9 घंटे 45 मिनट का भाषण दे चुके थे। तभी मचाहो ने चिल्लाते हुए उन्हें ‘चोर’ कहा और लोगों की जब्त की गई संपत्ति को लौटाने को कहा। इसके जवाब में शावेज ने कहा कि वो बहस नहीं करेंगे क्योंकि वह इसके काबिल नहीं। यह घटना देशभर में चर्चा का विषय बन गई और माचाडो को एक साहसी विपक्षी नेता के रूप में स्थापित किया।

2024 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं
मचाडो 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार थीं, लेकिन वेनेजुएला सरकार ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी। इसके बाद उन्होंने दूसरे पार्टी के प्रतिनिधि एडमंडो गोंजालेज उर्रुतिया का समर्थन किया। इसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी मिला। वेनेजुएला में मचाडो के समर्थक पार्टी को साफ जीत मिली लेकिन शासन ने चुनाव परिणाम स्वीकार नहीं किया और सत्ता पर कब्जा बनाए रखा।

मचाडो वेनेजुएला की आयरन लेडी कहीं जाती हैं
मचाडो को वेनेजुएला की ‘आयरन लेडी’ कहा जाता है। उन्होंने पूरे वेनेजुएला में लोगों को एकजुट किया ताकि वे देश के तानाशाह राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को चुनाव में हरा सकें। अब वे देश में अकेली ही छिपकर रह रही हैं।

मचाडो को कई पुरस्कार मिल चुके
0 2025 में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने के लिए नोबेल पीस प्राइज मिला।
0 2024 सखारोव पुरस्कार: यूरोपीय संसद ने उन्हें और एडमुंडो गोंजालेज को लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह पुरस्कार दिया।
0 2024 वाच्लाव हावेल मानवाधिकार पुरस्कार: काउंसिल ऑफ यूरोप ने मानवाधिकारों के लिए उनकी मेहनत को सम्मानित किया।
0 2025 करेज अवॉर्ड: जेनेवा समिट फॉर ह्यूमन राइट्स ने उन्हें और गोंजालेज को यह पुरस्कार दिया।
0 2018 बीबीसी सम्मान: बीबीसी ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शामिल किया।