0 14 आदिवासी विद्रोह-सत्याग्रह की झांकी
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 नवंबर को रायपुर में देश के पहले डिजिटल ट्राइबल म्यूजियम का शुभारंभ किया। डिजिटल ट्राइबल म्यूजियम में शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय, आदिवासी नायकों की वीरता, बलिदान और संघर्ष की कहानियों की झलक है।
पीएम मोदी ने संग्रहालय में पहुंचकर पौधरोपण किया, मिट्टी और खाद डालकर उस मिट्टी को प्रणाम किया, जिसने बलिदान की परंपरा को जन्म दिया। उन्होंने डिजिटल डिस्प्ले, ऑडियो-विजुअल झांकियों और प्रोजेक्शन मैपिंग के माध्यम से आदिवासी संघर्षों की जीवंत झलकियों को देखा। वहीं डिजिटल ट्राइबल म्यूजियम उद्घाटन के बाद भी नहीं खुलने की वजह से पब्लिक परेशान होती नजर आई। प्रबंधन ने जनता के लिए कोई नोटिस बोर्ड भी नहीं लगाया था कि पब्लिक के लिए अभी ओपन नहीं किया गया है। इसे लेकर लोगों में नाराजगी भी देखी गई।
नवा रायपुर में 9.75 एकड़ में बने इस डिजिटल ट्राइबल म्यूजियम को बनने में करीब 3 साल 5 महीने का समय लगा। डिजिटल म्यूजियम के निर्माण में लगभग 50 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। म्यूजियम में छोटी-बड़ी सब मिलाकर लगभग 40 से ज्यादा एलईडी लगी हैं।
12 आदिवासी विद्रोह और 2 सत्याग्रह की जीवंत झांकी दिखाई गई है। डिजिटल स्क्रीन, ऑडियो-विजुअल डिस्प्ले और प्रोजेक्शन मैपिंग की सुविधा है। लोग अपने मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर हर गाथा को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में सुन और देख सकेंगे।
क्यूआर कोड स्कैन कर देख-सुन सकेंगे गाथा
ट्राइबल म्यूजियम में दृश्यों को मूर्तियों को जरिए साथ ही डिजिटल स्क्रीन, ऑडियो-विजुअल डिस्प्ले और प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए दिखाया गया है। यहां आने वाले लोग अपने मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर हर गाथा को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में सुन और देख सकेंगे। म्यूजियम के मुख्य प्रवेश द्वार से एंट्री करते ही लगभग 1400 वर्ष पुराने साल वृक्ष की प्रतिकृति बनाई गई है। इसकी पत्तियों पर सभी 14 विद्रोहों का जीवंत वर्णन किया गया है। संग्रहालय के ओरिएंटेशन रूम की बाहरी दीवारों पर शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत संबंधी जानकारियां दी गई हैं। इसके साथ ही शहीद वीर नारायण सिंह से जुड़े दस्तावेज जैसे जेल रिकॉर्ड, सुनाई गई सजा के आदेश की कॉपी डिस्प्ले किया गया है। साथ ही संग्रहालय परिसर में बिरसा मुंडा, रानी गाइडलो, गैंद सिंह, वीर गुण्डाधुर, सुकदेव पातर जैसे महान स्वतंत्रता संग्राम नायकों की प्रतिमा स्थापित की गई है।
12 आदिवासी विद्रोह, 2 सत्याग्रह की झांकी
शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए 12 आदिवासी विद्रोह और 2 सत्याग्रह का प्रदर्शन किया गया है। जिसे आप 14 गैलेरियों में देख पाएंगे। म्यूजियम में हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्नम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष और शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन किया गया है।
सीनियर सिटिजन और दिव्यांगों के लिए भी सुविधा
कैंपस में एक तालाब भी है। साथ ही बाहरी कैंपस में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े दृश्यों को भी तैयार किया गया है। जहां लोग सेल्फी और फोटो क्लिक कर सकते हैं। सीनियर सिटिजन और दिव्यांग जनों के लिए विशेष रैंप और बैठने की व्यवस्था की गई है। म्यूजियम में एक कैफेटेरिया भी बनाया गया है।