0 कई पेड़ उखड़े, बिजली गुल
0 समुद्री लहरों से किनारों के घर गिरे, कल सुबह ओडिशा पहुंचेगा
अमरावती/भुवनेश्वर। तूफानी चक्रवात मोन्था मंगलवार को आंध्रप्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराया। यहां 100 किमी/प्रति तक हवा चल रही है। समुद्री लहरों से किनारों के कई घर गिर गए हैं। समुद्र किनारे के कई पेड़ उखड़ गए व आसपास के इलाके की बिजली गुल हो गई है। तूफान के पूरी तरह से टकराने के बाद 110 किमी/प्रति जा सकती है। इस दौरान समुद्र में 5 मीटर (16 फीट) तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने मोन्था तूफान का केंद्र अभी आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से 20 किमी, काकीनाडा से 110 किमी और विशाखापट्टनम से 220 किमी दूर है। जो 17 किमी/प्रति की रफ्तार से बढ़ रहा है। ओडिशा से तूफान बुधवार सुबह को टकराएगा।
मछलीपट्टनम तट पर तेज हवाएं चलने से पेड़ गिरे
चक्रवात ‘मोन्था’ के असर से मछलीपट्टनम तट पर तेज हवाएं चल रही हैं। मंगिनापुडी बीच रोड पर तीन पेड़ गिरने से रास्ता बंद हो गया। दो पेड़ हटा दिए गए हैं, जबकि एक पेड़ बिजली के खंभे पर झुका हुआ है। एनडीआरएफ की 10वीं बटालियन के कमांडर ईश्वर राव गड्डे ने बताया कि टीम कल से लगातार हालात पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा, “आज दोपहर हवा की रफ्तार बहुत बढ़ गई। हमने सिविल प्रशासन से हाइड्रा की मदद मांगी है, क्योंकि इस काम के लिए जेसीबी उपयुक्त नहीं है।
आंध्रप्रदेश की 43,000 हेक्टेयर फसल डूबी
चक्रवात मोन्था के कारण आंध्र प्रदेश की 43,000 हेक्टेयर से ज्यादा फसलें पानी में डूब गईं, जिससे 83,000 से ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं। कुल 292 मंडलों और 1,712 गांवों में नुकसान की सूचना मिली है। सबसे ज्यादा नुकसान धान और कपास की फसलों को हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल क्षतिग्रस्त क्षेत्र का 80% हिस्सा इन्हीं फसलों का है। लगभग 31,267 हेक्टेयर धान की फसल और 15,680 हेक्टेयर कपास की फसल लगातार बारिश और बाढ़ में नष्ट हो गई।
ओडिशा में चिल्का झील में लहरें तेज हुईं
ओडिशा के खोरधा में चक्रवात ‘मोन्था’ के असर से खोरधा जिले की चिल्का झील में लहरें तेज हो गई हैं। मौसम में आए बदलाव के कारण झील का पानी उफान पर है और आसपास का इलाका तेज हवाओं से प्रभावित हो रहा है। प्रशासन ने लोगों को झील के पास जाने से मना किया है।
ओडिशा के गंजाम में तेज लहरों ने समुद्र तट की जमीन को काटा
ओडिशा के गंजाम में चक्रवात ‘मोन्था’ के असर से समुद्र उफान पर है। तेज लहरों ने समुद्र तट की जमीन को काट दिया और किनारे स्थित कई मकानों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, समुद्र की लहरें लगातार तेज हो रही हैं और पानी घरों तक पहुंच रहा है। प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
52 फ्लाइट्स-120 ट्रेनें कैंसिल
इसका असर आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के जिलों में देखा जा रहा है। इन राज्यों में 80-90 किमी/प्रति तक हवा चल रही है। कई जगह पेड़ उखड़ गए हैं, समुद्र तटों पर लहरे ऊंची उठ रही है। चारों तटीय राज्यों के तटीय इलाकों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। सोमवार-मंगलवार को दक्षिण मध्य रेलवे जोन की कुल 120 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं। इसके अलावा विशाखापट्टनम एयरपोर्ट से सभी 32 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं। वहीं, विजयवाड़ा एयरपोर्ट से 16 और तिरुपति एयरपोर्ट से 4 फ्लाइट्स कैंसिल की गई हैं।
तूफान मोन्था का रूट
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान का असर केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में अगले 3 दिन तक बारिश हो सकती है। तूफान मोन्था को यह नाम थाइलैंड ने दिया है। थाई भाषा में इसका अर्थ है सुगंधित फूल। मंगलवार सुबह से ही आंध्र, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश और 90 से 110 किमी/प्रति की रफ्तार से आंधी चल रही है।