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0 दो साल से विस्फोटक जमा कर रही थी लेडी टेररिस्ट

नई दिल्ली। दिल्ली धमाका करने वाले आतंकियों का ग्रुप फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से संचालित हो रहा था। सूत्रों के मुताबिक धमाकों की साजिश जनवरी से की जा रही थी। इस मॉड्यूल की साजिश गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को लाल किले को निशाना बनाने की थी। दिल्ली विस्फोट के आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल और डॉक्टर उमर ने एक बड़ी आतंकी साजिश के तहत लाल किले की रेकी की थी। फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद ने बताया कि वह पिछले दो साल से विस्फोटक जमा कर रही थी।
शाहीन और उसके साथियों को मिलाकर एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल बनाया गया था। यानी इसमें पेशेवर लोगों को शामिल किया गया था। इसमें शामिल आतंकी जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद नाम के संगठनों जुड़े थे।

शीर्ष सूत्र ने यह भी खुलासा किया है कि यह मॉड्यूल दिवाली के दौरान भी भीड़भाड़ वाली जगह पर हमले की भी साजिश रच रहा था। सूत्र ने कहा कि हमने खुलासा किया है कि उसने कथित आत्मघाती हमलावर डॉक्टर मुज़म्मिल ने डॉक्टर उमर के साथ मिलकर जनवरी के पहले हफ्ते में लाल किले की रेकी की थी। यह महत्वपूर्ण जानकारी डॉक्टर मुज़म्मिल के फोन के डंप डेटा से प्राप्त की गई थी। 

यह खुलासा तब हुआ जब सुरक्षा एजेंसियों को "डॉक्टर आतंकी मॉड्यूल" मामले में महत्वपूर्ण सफलता मिली। 10 नवंबर को शाम 6:52 बजे लाल किले के बाहर हुए विस्फोट के सिलसिले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया और तीन को हिरासत में लिया गया। सभी गिरफ्तारियां जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा की गईं और अब तक कुल 56 डॉक्टरों से पूछताछ की जा चुकी है। जांच का पता जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन क्षेत्र में सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले एक आपत्तिजनक पोस्टर से चलता है। इस संबंध में 19 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया था।

10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए विस्फोट के बाद उत्तरी दिल्ली के कोतवाली पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस प्राथमिकी में धमाके को बम विस्फोट का नतीजा बताया गया है। जांच विवरण से पता चलता है कि डॉ. उमर उस चलती आई-20 कार में सवार था, जिसमें विस्फोट हुआ था। डॉ. उमर इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए वांछित है। डॉ. उमर ने लाल किला मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में लगभग तीन घंटे बिताए, इस दौरान वह लगातार किसी के संपर्क में था। सीसीटीवी विश्लेषण से पता चलता है कि कार दोपहर 3:19 बजे पार्क की गई थी और तीन घंटे बाद शाम 6:48 बजे पार्किंग क्षेत्र से बाहर निकली, उस समय जब क्षेत्र में विशेष भीड़भाड़ थी। दिल्ली विस्फोट की जांच अब एनआईए कर रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।

आतंकियों की दूसरी कार फरीदाबाद में मिली
इधर पुलिस ने आशंका जताई थी कि दिल्ली धमाके में शामिल आतंकियों के पास एक नहीं, बल्कि दो कारें थीं। लाल रंग की इस फोर्ड इकोस्पोर्ट कार का नंबर DL10-CK-0458 है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को इसकी तलाश के लिए दिल्ली के साथ पड़ोसी राज्यों यूपी और हरियाणा में अलर्ट जारी किया गया था। अलर्ट जारी होने के बाद बुधवार शाम को ही कार को हरियाणा के खंदावली गांव के पास से बरामद किया गया है। यह कार डॉ. उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड है।

देशभर में रेलवे स्टेशन, मॉल में धमाकों की साजिश थी
दिल्ली ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आतंकियों ने देशभर में 200 बम (आईईडी) से 26/11 जैसे हमले करने की साजिश रची थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली के लाल किला, इंडिया गेट, कांस्टीट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर जैसी जगह धमाके किए जाने थे।आतंकियों के टारगेट पर गुरुग्राम और फरीदाबाद के साथ देशभर के रेलवे स्टेशनों और बड़े मॉल्स भी थे। जांच एजेंसियों का कहना है कि वे धार्मिक स्थलों पर हमला कर देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के डॉक्टरों को चुना, ताकि वे बिना रोकटोक कहीं भी जा सकें।
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मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक ली
0 अमित शाह, एनएसए डोभाल और राजनाथ भी मौजूद रहे 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। दिल्ली लाल किला धमाके के बाद मोदी ने यह बैठक ली है। ऑपरेशन सिंदूर के पहले भी मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक ली थी। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे। बैठक में दिल्ली लाल किला धमाके में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और 2 मिनट का मौन रखा गया। मोदी ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भी सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की थी।

पीएम मोदी घायलों को देखने अस्पताल पहुंचे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान से लौटते ही एयरपोर्ट से सीधे एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों के हालचाल जाने और डॉक्टरों से बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि साजिश को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के सामने हुए धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और 21 लोग घायल हो गए। इस धमाके के पीछे डॉक्टर्स के टेरर माड्यूल का हाथ माना जा रहा है। इसे लेकर हरियाणा, कश्मीर और यूपी में डॉक्टर्स की गिरफ्तारियां हुई हैं।

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