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0 प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में तीन दिवसीय 60वें डीजीपी-आईजी कांफ्रेंस का समापन 
0 एआई और डेटा-ड्रिवन सिस्टम से चलेगी पुलिसिंग, महिला सुरक्षा के लिए देशभर में बने एक प्लेटफॉर्मः मोदी
0 डीजीपी-आईजी कांफ्रेंस में भगोड़ों को भारत लाने पर बनी स्ट्रैटजी 
0 सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ
0 सम्मेलन में विजन 2047 पुलिस व्यवस्था रोडमैप, आतंकवाद निरोधक रुझान, महिला सुरक्षा, भगोड़ों का पता लगाना और फोरेंसिक सुधार पर हुआ मंथन
0 प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी, एआई और राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड एकीकरण के विस्तारित उपयोग का आह्वान किया
0 द्वीप सुरक्षा, तटीय पुलिस व्यवस्था और फोरेंसिक आधारित जांच में नवाचार पर जोर दिया
0 प्रधानमंत्री ने पुलिस नेतृत्व से विकसित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने और इसमें सुधार करने का आग्रह किया
0 प्रधानमंत्री ने विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए
0 शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को नव स्थापित शहरी पुलिस व्यवस्था पुरस्कारों से सम्मानित किया
0 प्रधानमंत्री ने पुलिस के बारे में जनता की धारणा बदलने, युवाओं तक पहुंच बढ़ाने, शहरी और पर्यटन पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने और नए आपराधिक कानूनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया
0 प्रधानमंत्री ने आपदा से निपटने की बेहतर तैयारी और समन्वित प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर बल दिया
0 चक्रवात, बाढ़ और प्राकृतिक आपात स्थितियों से निपटने के लिए सरकार के समग्र दृष्टिकोण का आह्वान किया

रायपुर। आईआईएम नवा रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय 60वीं ऑल इंडिया डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस का रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में समापन हुआ। इस सम्मेलन का विषय 'विकसित भारत: सुरक्षा आयाम' रहा। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस देश की सिक्योरिटी स्ट्रैटजी को बदलने के लिए एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करती है। पुलिस को अब जनता और युवाओं के बीच भरोसे की एक नई इमेज बनानी होगी। पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ क्राइम को रोकने के लिए डायल 112 जैसा एक देशव्यापी प्लेटफॉर्म बनाया जाना चाहिए। देश में भविष्य की पुलिसिंग एआई, फोरेंसिक, नैटग्रिड और डेटा-ड्रिवन सिस्टम से चलेगी। सम्मलेन में भगोड़ों को विदेश से भारत लाने पर भी रणनीति बनी।
कांफ्रेंस में पीएम मोदी आतंकवाद, ड्रग्स का गलत इस्तेमाल, साइबर क्राइम और महिलाओं की सेफ्टी जैसे मुद्दों पर एक तेज और को-ऑर्डिनेटेड स्ट्रैटजी की जरूरत पर भी जोर दिया। साथ ही कहा कि विजन 2047 की तैयारी में पुलिसिंग को एकाउंटेबल, सेंसिटिव और मॉडर्न बनाने की जरूरत है। कॉन्फ्रेंस में खास सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और शहरी पुलिस सुधारों के लिए अवॉर्ड भी दिए गए। कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अलग-अलग स्कूलों के 30 छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। बच्चों से कॅरियर और परीक्षा को लेकर चर्चा की।
कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री ने खासकर युवाओं के बीच पुलिस के प्रति जनता की धारणा बदलने की तत्काल जरूरत पर बल दिया, जिसके लिए दक्षता, संवेदनशीलता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने शहरी पुलिस व्यवस्था को मज़बूत करने, पर्यटक पुलिस को फिर से सक्रिय करने और औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर लागू किए गए नए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस और व्यापक प्रशासन को निर्जन द्वीपों को एकीकृत करने के लिए नवीन रणनीतियां अपनाने, राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (नेटग्रिड) के अंतर्गत एकीकृत डेटाबेस का प्रभावी उपयोग करने और कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी प्राप्त करने के लिए इन प्रणालियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को पुलिस जांच में फोरेंसिक के उपयोग पर केस स्टडी करने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया, और कहा कि फोरेंसिक के बेहतर अनुप्रयोग से आपराधिक न्याय प्रणाली और मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री ने प्रतिबंधित संगठनों की नियमित निगरानी के लिए तंत्र स्थापित करने, वामपंथी उग्रवाद से मुक्त क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करने और तटीय सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए नवोन्मेषी मॉडल अपनाने के महत्व पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें प्रवर्तन, पुनर्वास और सामुदायिक स्तर पर हस्तक्षेप एक साथ किया जाए।
सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के विविध मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। विज़न 2047 की दिशा में पुलिस व्यवस्था के दीर्घकालिक रोडमैप, आतंकवाद-निरोध और कट्टरपंथ-निरोध में उभरते रुझान, महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने में तकनीक का लाभ उठाने, विदेशों में रह रहे भारतीय भगोड़ों को वापस लाने की रणनीतियों और प्रभावी जांच एवं अभियोजन सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक क्षमताओं को मज़बूत करने पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री ने मज़बूत तैयारियों और समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और पुलिस प्रमुखों से चक्रवात, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपात स्थितियों, जिनमें चक्रवात दित्वा की मौजूदा स्थिति भी शामिल है, के लिए प्रभावी आपदा प्रबंधन तंत्र को मज़बूत करने का आग्रह किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसी घटनाओं के दौरान जीवन की रक्षा और न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय योजना, तत्क्षण समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और समग्र सरकारी दृष्टिकोण आवश्यक हैं। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पुलिस नेतृत्व से आह्वान किया कि वे विकासशील राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पुलिस व्यवस्था को फिर से व्यवस्थित करें, ताकि विकसित भारत बनने की राह पर साफ हो सके।
प्रधानमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए। उन्होंने शहरी पुलिस व्यवस्था में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन शहरों को भी पुरस्कार प्रदान किए। यह सम्मान शहरी पुलिस व्यवस्था में नवाचार और सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार स्थापित किया गया है।
इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव ने भाग लिया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक, साथ ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया, जबकि देश भर से विभिन्न रैंकों के 700 से अधिक अधिकारी वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन में शामिल हुए।

गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया पर फोकस
डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस में सुबह उन राज्यों को प्रेजेंटेशन देने का मौका मिला, जो शनिवार को अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर पाए थे। पहले सत्र में पुलिसिंग में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के उपयोग पर चर्चा की गई। दूसरे सत्र गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया पर फोकस रहा। सुरक्षा एजेंसियों की जरूरतों, राज्यों के इनपुट और पिछली सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए अंतिम गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार किया गया। साथ ही देश के जियो-पॉलिटिकल चैलेंजेस पर भी चर्चा हुई। इसी दौरान ‘मॉडल स्टेट’ भी चुना गया, जिसकी बेहतरीन प्रैक्टिस को पूरे देश में लागू किए जाने की तैयारी है।

पीएम मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अनौपचारिक चर्चा की। दिन की शुरूआत प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा योग सत्र के साथ हुई। इसके बाद सुबह 8:30 बजे सभी अधिकारियों के साथ औपचारिक फोटो सेशन आयोजित किया गया। सुबह 9 बजे मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नाश्ते पर अनौपचारिक चर्चा की। सुबह 10 बजे से मुख्य सत्रों की शुरूआत हुई। दोपहर 12 बजे टी ब्रेक के बाद आर एवं एडब्ल्यू अधिकारियों ने बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और बाहरी खतरों पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। इसके उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशभर से आए प्रतिनिधियों और लोगों से मुलाकात की। इसी दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के चुनिंदा अधिकारियों को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया। इसके बाद शहरी क्षेत्रों में प्रभावी पुलिसिंग के लिए चयनित तीन शहरों को पुरस्कार प्रदान किया गया। 

पीएम मोदी की प्रमुख बातें
0 विजन 2047 पुलिस व्यवस्था रोडमैप पर जोर।
0 भगोड़ों का पता लगाना और फोरेंसिक सुधार।
0 पुलिस की जनता में छवि सुधारने की अपील।
0 युवाओं तक पुलिस की पहुंच बढ़ाने पर जोर।
0 शहरी पुलिस मॉडल मजबूत करने की बात।
0 पर्यटन पुलिस को फिर सक्रिय करने की सलाह।
0 नए आपराधिक कानूनों की जागरूकता बढ़ाने की मांग।
0 टेक्नोलॉजी और एआई के व्यापक उपयोग पर जोर।
0 नैटग्रिड इंटीग्रेशन मजबूत करने की आवश्यकता।
0 फोरेंसिक आधारित जांच को बढ़ावा दिया।
0 तटीय और द्वीप सुरक्षा पर खास चर्चा।
0 नशीली दवाओं के खिलाफ संयुक्त रणनीति चाहिए।
0 आतंकवाद और कट्टरपंथ-निरोध पर विचार-विमर्श ।
0 महिलाओं की सुरक्षा में तकनीक के उपयोग पर बात।
0 प्राकृतिक आपदाओं पर तेज और समन्वित प्रतिक्रिया।
0 राष्ट्रपति पुलिस पदक और शहरी पुलिस पुरस्कार प्रदान।

इन सब विषयों पर भी हुई चर्चा
0 स्मार्ट पुलिसिंग: राज्यों में पुलिस को स्मार्ट करने के लिए क्या किया गया।
0 निगेटिव मीडिया रिपोर्टिंग: निगेटिव रिपोर्टिंग को रोकने के लिए क्या प्रयास किया गया।
0 सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के लिए राज्यों में क्या सिस्टम है।
0 पुलिस वेलफेयर: पुलिस वेलफेयर के लिए क्या-क्या किया है।
0 साइबर फ्रॉड: साइबर फ्रॉड में कार्रवाई के साथ जागरूकता के लिए क्या किया गया।
0 आईजी-एसपी कॉन्फ्रेंस: सभी राज्यों को डीजीपी कॉन्फ्रेंस की तरह आईजी-एसपी कॉन्फ्रेंस करने का निर्देश दिया गया।
0 आंतरिक सुरक्षा के लिए एक्शन प्लान: आंतरिक सुरक्षा को लेकर किस तरह का एक्शन प्लान है।

पीएम मोदी दिल्ली रवाना, मुख्यमंत्री साय और मंत्रिमंडल ने एयरपोर्ट पर दी विदाई
कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम रायपुर से दिल्ली रवाना हो गए। पीएम की रवानगी के दौरान एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्रिमंडल के सदस्य और निगम-मंडलों के अध्यक्ष मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस का सौभाग्य मिला था। तीन दिनों तक सफल कांफ्रेंस आयोजित हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का यहां रुके।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पहले यह कॉन्फ्रेंस दिल्ली में ही आयोजित किया जाता था, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में अब इसे देश के अलग-अलग राज्यों में कराया जा रहा है। देश की पुलिसिंग व्यवस्था अच्छी हो इस पर कॉन्फ्रेंस हुई है। हम 2047 का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नक्सलवाद के खात्मे में जितने दिन बचे हैं, उससे कम काम बचा है। बस्तर बदल रहा है। अब वहां सोशल एक्टिविटी और संसाधनों पर जोर दिया जाएगा।

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