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मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत कल, 02 दिसंबर को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव और पार्वती के पूजन को समर्पित होता है। ये व्रत हिंदी माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। कल मार्गशीर्ष या अगहन माह की त्रयोदशी तिथि है, इस दिन माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। गुरूवार का दिन होने के कारण ये गुरू प्रदोष कहलाएगा। इसके साथ ही ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कल ही इस माह की शिवरात्रि का भी व्रत और पूजन किया जाएगा। गुरू प्रदोष और शिवरात्रि के संयोग पर भगवान शिव और पार्वती का विधि पूर्वक पूजन करने से सुखी पारिवारिक और दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में.....
1-गुरू प्रदोष और मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती का पूरे शिव परिवार का पूजन प्रदोष काल में करना चाहिए। पूजन में भगवान शिव को सफेद रंग के और माता पार्वती को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
2- गुरू प्रदोष के दिन पूजन में शिव लिंग पर गुड़ मिश्रित जल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से आपके समस्त दुख दूर होंगे।
3- इस दिन एक कटोरे चावल के दो भाग कर लें। एक भाग चावल भगवान शिव को चढ़ा दें और दूसरा भाग दान कर दें। पूजन के बाद चढ़े हुए चावल के एक सफेद कपड़ें में लपेट कर अपनी तिजोरी में रख दें। आपकी धन-संपदा दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढेगी।
4- संतान के जीवन में कोई संकट या बाधा आ रही हो तो प्रदोष के दिन अपने बच्चों से मिठाई का दान करवायिए और भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से उनके सभी दुख दूर होगें।
5- शिवरात्रि या प्रदोष के दिन पूजन में शिव लिंग पर काले तिल मिले जल से अभिषेक करने से सभी रोग दूर होते हैं।