हर वर्ष हिंदी के माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को मासी मगम मनाया जाता है। इस प्रकार, वर्ष 2022 में पूर्णिमा तिथि यानी 16 फरवरी को मासी मगम है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि पूर्णिमा के दिन व्रत करने से व्रती के जीवन से दुख-शोक का नाश होता है, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है, पुत्र की प्राप्ति होती है और सर्वत्र विजय हासिल करने का वरदान मिलता है। तमिल पंचांग के अनुसार, यह पर्व मासी महीने में माकम नक्षत्र में मनाया जाता है। इस तिथि का विशेष महत्व है। तमिल समाज के लोग मासी मगम पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। इस पर्व के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। ऐसा कहा जाता है कि तमिलनाडु के प्रमुख त्योहारों में से एक है। आइए, मासी मगम की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं-
मासी मगम का शुभ मुहूर्त : मासी मागम तिथि- बुधवार, 16 फरवरी, 2021 मगम पूर्णिमा तिथि- 16 फरवरी, रात्रि 10 बजकर 25 मिनट तक है। मगम नक्षत्रम 16 फरवरी, दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक है।
मासी मगम : तमिल समाज में मासी मगम तिथि का विशेष महत्व रहता है। इस दिन उस्त्व जैसा माहौल रहता है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई कर उन्हें सजाते हैं। मंदिर और मठों में विशेष पूजा आयोजित की जाती है। इस मौके पर मंदिरों में स्थापित मूर्तियों को पालकी पर स्थापित कर झाकियां निकाली जाती है। देवताओं को समीप के नदी, सरोवर या समुद्र में स्नान कराया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मासी मगम के दिन देवताओं की पूजा-आराधना करने से व्यक्ति को मघा नक्षत्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मघा तारा को चेतना और आत्मीय शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस तारे का पितृ से भी संबंध है। अत: मासी मगम तिथि को पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करने का भी विधान है। लोग आसपास के पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और देवताओं की पूजा करते हैं।
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