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मुंबई (ए)। हर मानवी के जीवन में उसकी सफलता का रहस्य उसका आत्म विश्वास है। कोई भी क्षेत्र क्यों न हो? यदि मानवी को उस क्षेत्र में सफलता पाना हो तो उसे अपने आत्म विश्वास से कार्य करना होगा। चाहे किसी तप की बात हो अथवा तो शिक्षण का क्षेत्र हो अथवा कोई पद अथवा गोल्ड मेडल मिलाने की बात क्यों न हो मानवी को हर हमेशा साहस को जुटाकर हिम्मत से कार्य करना है। उसे सफलता  मिलेगी ही। ऐसी भी व्यक्ति देखें है जो एक-एक घंटे तक बड़बडाहट करते रहते है, जब स्टेज पर बोलने को कहते है तो वे हिचकिचाहट करते है क्योंकि उन्हें स्टेज फीयर है। सभा का क्षोभ है। वे कहेंगे स्टेज पर बोलना मेरा काम नहीं।
मुंबई में बिराजित प्रखर प्रवचनकार संत मनीषि, प्रसिद्ध जैनाचार्य प.पू. राजयश सूरीश्वरजी महाराजा श्रोताजनों को संबोधित करते हुए फरमाते है कितने को प्रेरणा करते है भक्तामर तप करो। साहेब! मैं अकेला नहीं कर सकता मेरी पत्नी मेरे साथ जुड़े अथवा तो मेरे चार-पांच मित्र मुझे कंपनी दे तो तैयार, अकेले में मुझे आत्म विश्वास नहीं मुझे डर है कहीं मुझसे नहीं हुआ तो?
पूज्यश्री फरमाते है कंपनी की राह देखोंगे समय हाथ से निकल जाएगा आप कुछ भी जीवन में नहीं कर पाओंगे। ज्यो-ज्यो कदम बढ़ाओंगे त्यो-त्यो आपको सफलता मिलेगी। कहते है किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के पूर्व देव-गुरू के आशीर्वाद से आत्म विश्वास आ ही जाता है। कार्य सफल बनकर ही रहता है। शास्त्रकार महर्षि फरमाते है आत्मा में यदि दृढ़ संकल्प हो तो सिद्धि जरूर मिलती ही है।
आप के पास अनंत शक्ति भरी पड़ी है कार्य के प्रारंभ में डर अथवा शर्म नहीं रखना आत्म विश्वास से कार्य में आगे बढऩा है गुजराती में एक कहावत है हिम्मत ये मर्दा, मदद ये खुदा। कार्य को हिम्मत जुटाकर करोंगे परमात्मा आपकी मदद करेगा जो व्यक्ति हिम्मत करके कार्य नहीं करता उनको परमात्मा कभी मदद नहीं करता है। नदी जब बहती है तब उसके रास्ते में कभी पत्थर तो कभी दिवाल उसका रास्ता रोकती है परन्तु वह कहीं ठहरे बगैर अपना रास्ता बनाकर सीधा समुद्र में जा मिलती है। मन में बिना किसी हिचकिचाहट, परमात्मा पर विश्वास और समर्पण से, शीघ्र कार्य सफल बनतो है।
प्रवचन की धारा को आगे बढ़ाते हुए पूज्यश्री फरमाते है जहां कार्य करना है वहां मार्गदर्शन अवश्वस मिलेगा। देव की सहाय मिलेगी। मान लो, कोई गीत अच्छा गाता है, कोई लेखिका है तथा कोई क्रिकेट में छह रन मारने में कुशल है उनको देखना आप पसंद करते हो। देखने के साथ उनकी अनुमोदना करो, उन्हें अभिवाद दो कभी तुम्हारे में भी यह चीज नजर आएगी। आपके अंदर भी ये बीज है कभी न कभी वृक्ष बनकर बाहर आएगा।
बच्चों को हमेशा ऊंची बात कहो, कोई भी कार्य करता हो तो उसका उत्साह बढ़ाओ आशा की ज्योत उसमें जगाओ वह सफल बनेगा कभी निष्फल हुआ तो उसे निराश न करो उसे प्रोत्साहित करके उसकी मंजिल तक पहुंचने में उसका साथ दो।
एक लड़के को उसकी मां ने शिक्षण के लिए स्कूल में भरती किया। लड़का अपनी ने उस लड़के को बुलाकर उसे एक चिट्ठी दी। घर आकर ने उस चिट्ठी को अपनी मां को दिया। मां ने उसे पढ़ा। पढ़कर मन ही मन दु:खी हुई परंतु साहस बंटोकर उसने अपने बेटे को कहा, बेटा! सर ने लिखा है क्लास के सभी लड़कों में तुं होशियार लड़का है इसलिए अन्य के साथ रहकर तुं कमजोर न हो जाए इसीलिए तुझे घर बैठकर पढ़ाई करनी है। लड़का मां की बात सुनकर खुश हो गया। उसमें जोश आया वह मन लगाकर पढऩे लगा। हरेक मां को अपने बच्चों को प्रायोरिटी देकर उसे प्रेरणा देकर हरेक क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहिए। चींटु का ध्यान रखकर मां उसे घर पर ही स्कूल की तालीम देने लगी। यहीं लड़का बड़ा होकर एक वैज्ञानिक बना। शिवाजी को आगे बढ़ाने में उसकी मां लीली बाई का ही हाथ है।
कभी किसी को डिसअप्वाइंट मत करो उसे आशा देते रहो उसकी शक्ति में जागृति अवश्य जाएगी हमारे में खूब शक्ति है ताकात है अपनी जात को हलका मत समझो। आत्मविश्वास से काम करो सफलता मिलेगी। लब्धि सूरि महाराजा ने अपने गीत में गाया है जो ही है रूप तेरा, वो ही है रूप मेरा हे परमात्मा जो शक्ति तुझमें है वो शक्ति मुझमे भी है सिर्फ बीच में पर्दा है। किसी ने पूछा, पर्दा किसका है? लैक ऑफ सेल्फ कांफीडेंस का। हमारे में आत्मविश्वास की कमी है, इसीलिए हम जीवन में आगे नहीं बढ़ पा रहे है।
कोरोना महामारी को मिटाना है उसकी एक ही दवा है आत्मविश्वास। बस आत्मविश्वास जुटाओ कार्य उत्साह से करो जीवन में सफलता मिलेगी। सफलता पाकर शीघ्र आत्मा से परमात्मा बनें।