शशि शेखर
दीदी, शब्द को किसी भी महिला को सम्मान देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वही शब्द इन दिनों महिला विरोधी होने का आरोप झेल रहा है। बंगाल की राजनीति में दीदी शब्द सीएम ममता बनर्जी के लिए हमेशा से इस्तेमाल किया जाता रहा है मगर जब से पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को दीदी कहकर बुलाना शुरु किया है, तब से क्या ममता और क्या उनकी पार्टी टीएमसी के दूसरे नेता, हर किसी का मूड उखड़ा उखड़ा सा नजर आ रहा है। कोई टीएमसी नेता, पीएम मोदी को "रोड साइड रोमियो" बोल रहा है तो कोई, मोदी के इस व्यवहार को अशोभनीय बता रहा है। जबकि बीजेपी सवाल उठा रही है कि आखिर ममता को कभी 'दीदी' तो कभी 'जय श्री राम' कहने पर बुरा क्यों लग जाता है।
दीदी ओ दीदी का ये चुनावी रायता पहली बार 18 मार्च को फैलना शुरु हुआ, जब एक चुनावी रैली में ममता दीदी के खेला हबो नारे पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने बोल दिया– "दीदी ओ दीदी खेला शेष हबे"ज्बस मोदी की यही बात ममता को खल गई, सबसे पहले टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री के टोन पर सवाल उठाया और फिर पूरी की पूरी टीएमसी ही राशन पानी लेकर नरेन्द्र मोदी पर चढ़ गई।
बीजेपी ने पूछा कि भला दीदी बोलने में क्या बुराई है तो जवाब में टीएमसी नेता बादल देबनाथ ने कहा कि "2 मई दीदी गई जैसी बात बोलने तक भी ठीक था, मगर जिस टोन में दीदी ओ दीदी बोला जा रहा है, वो आपत्तिजनक है, एक प्रधानमंत्री को ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं, बीजेपी का कोई दूसरा नेता बोलता तो शायद बात कुछ और होती। मगर मोदी तो सबके प्रधानमंत्री हैं, उन्हें ये नहीं करना चाहिए था। ऐसे टोन में किसी भी महिला को दीदी बोलना कम से कम बंगाल में अभद्र माना जाता है।
दरअसल बात ये है कि नाराजगी ममता को दीदी कह कर बुलाने पर नहीं बल्कि दीदी बोलते समय जो टोन इस्तेमाल की गई थी, उस पर है। राजनीतिक विश्लेषक संजीव कौशिक कहते हैं कि "यूं तो भाषाई मर्यादा को खुद ममता बनर्जी और टीएमसी ने भी कई मौकों पर तार–तार किया है, मगर प्रधानमंत्री पद पर बैठे एक शख्स, जिसके करोड़ों चाहने वाले, उसे हीरो की तरह फॉलो करते हों, उसे सार्वजनिक आचरण में इस तरह के स्टंट से बचना चाहिए।
उधर बीजेपी का कहना है कि समस्या टोन में नहीं टीएमसी की सोच में हैज्बीजेपी नेता और जाने माने टीवी पैनलिस्ट शिवम त्यागी कहते हैं कि "खराब भाषा बीजेपी अध्यक्ष नड्डा जी को अनाप–शनाप बोलने में है और ममता समेत तमाम टीएमसी नेता, प्रधानमंत्री तक के लिए खराब भाषा का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। मगर पीएम मोदी ने हमेशा ममता को दीदी कह कर संबोधित किया है और भारत में दीदी एक सम्मानित शब्द माना जाता है।
ये सियासत है, यहां कोई खुद को गलत मानने को तैयार नहीं होताज्मगर वो पब्लिक जिनके बारे में कहा जाता है कि 'ये जो पब्लिक है वो सब जानती हैज्" वही पब्लिक, इन दिनों सोशल मीडिया पर दीदी ओ दीदी को लेकर मोदी और ममता दोनों को जमकर ट्रोल कर रही है।
Head Office
SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH