वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, विनायक चतुर्थी 15 मई दिन शनिवार को है। इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधिपूर्वक आराधना की जाती है। इस दिन लोग विनायक चतुर्थी का व्रत रखते हैं और गणपति बप्पा की पूजा करते हैं। इस दिन गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता है और पूजा में उनका सबसे प्रिय दूर्वा अर्पित किया जाता है। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं विनायक चतुर्थी की तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व के बारे में।
हिन्दी पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंंभ 15 मई दिन शनिवार को सुब?ह 07 बजकर 59 मिनट से हो रहा है। चतुर्थी तिथि का समापन 16 मई को सुबह 10 बजे हो रहा है। ऐसे में दोपहर पूजा का मुहूर्त 15 मई को प्राप्त हो रहा है, ऐसे में विनायक चतुर्थी का व्रत 15 मई को रखा जाएगा।
जो लोग 15 मई विनायक चतुर्थी का व्रत रखेंगे, वे लोग शनिवार को दिन में 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 01 बजकर 53 मिनट के मध्य गणपति की पूजा कर सकते हैं। यह विनायक चतुर्थी की पूजा का मुहूर्त है। इस दिन आप को गणेश जी की पूजा के लिए 2 घंटा 36 मिनट का समय प्राप्त होगा। विनायक चतुर्थी की पूजा में चंद्रमा का दर्शन नहीं किया जाता है, जबकि संकष्टी चतुर्थी, जो कृष्ण पक्ष में आती है, उसमें चंद्रमा का दर्शन किया जाता है और जल अर्पित किया जाता है।
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