वैशाख मास का प्रदोष व्रत 24 मई को है. इस बार यह प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ रहा है. सोमवार के दिन पडऩे वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हर माह दो प्रदोष व्रत रखे जाते है। वहीं साल में कुल 24 प्रदोष व्रत होता है। पहला प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और दूसरा कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ग्रहों की स्थिति
सोम प्रदोष व्रत के दिन चंद्रमा तुला राशि और सूर्य वृषभ राशि में मौजूद रहेंगे। वहीं, कृत्तिका सूर्य नक्षत्र का योग बन रहा है। प्रदोष व्रत के दिन चित्रा व स्वाती नक्षत्र पद रहेंगे। सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा करने पर व्यक्ति को निरोगी काया का वरदान मिलता है। इसके अलावा भगवान शिव इस व्रत को रखने वाले भक्तों की उनकी मनोकामनाएं पूर्ति का भी वरदान देते हैं। यह व्रत शत्रुओं पर विजय पाने के लिए अच्छा माना गया है।
पूजा की थाली में क्या-क्या होनी चाहिए सामग्री : प्रदोष व्रत में पूजा की थाली में अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती और फल होना चाहिए।
इस व्रत में पूरे दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। सुबह स्नान करने के बाद दूध पी सकते हैं। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा के बाद फलाहार कर सकते हैं। प्रदोष व्रत में नमक खाने की मनाही होती है। सिर्फ फल का सेवन करना चाहिए। सोम प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त 24 मई की सुबह 03 बजकर 35 मिनट से 25 मई की सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक। अभिजित मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 18 मिनट से 12 बजकर 12 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 54 मिनट तक। रवि योग 24 मई की सुबह 09 बजकर 49 मिनट से 25 मई की सुबह 04 बजकर 59 मिनट तक।
Head Office
SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH