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भगवान  गणेश जी की पूजा से व्यक्ति के सभी दुखों का अंत हो जाता है। इसलिए भक्त इनकी पूजा विधि-विधान से करता है। भक्तों का ख्याल रखने की वजह से इनके बहुत सारे नामकरण हुए हैं। इन्हीं में से एक नाम लंबोदर है।
सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा होती है। इसी तरह बुद्धवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश जी को बुद्धि और तीव्र समझ का देवता माना जाता है। गणेश पूजा से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, खुशहाली और समृद्धि का आगमन होता है। इनकी पूजा से व्यक्ति के सभी दुखों का अंत हो जाता है। इसलिए भक्त इनकी पूजा विधि-विधान से करता है। भक्तों का ख्याल रखने की वजह से इनके बहुत सारे नामकरण हुए हैं। इन्हीं में से एक नाम लंबोदर है। आज हम जानेंगे की इनका नाम लंबोदर क्यों पड़ा।
भगवान गणेश को मोदक बहुत ही प्रिय है। मोदक प्रेमी गणेश जी का पेट बहुत बड़ा है। इसी वजह से उन्हें लंबोदर भी कहा जाता है। सभी के मन में सवाल उठता है कि उनका यह नाम कैसे पड़ा? इस कारण का वर्णन ब्रह्मपुराण में मिलता है। इसके अनुसार गणेश जी माता पार्वती का दूध दिन भर पीते रहते थे। उनके इस आदत को देखकर पिता शंकर ने एक दिन विनोदी भाव में कह दिया कि तुम इतना दूध पीते हो कहीं लंबोदर न हो जाओ। भगवान शंकर के इस कथन के बाद से गणेश जी का नाम लंबोदर पड़ गया। इसके अलावा गणेश जी के लंबोदर होने के पीछे एक और कारण बताया जाता है। जिसके अनुसार भगवान गणेश सभी अच्छी और बुरी बातों को पचा लेते हैं। इसी वजह से उनको लंबोदर के नाम से जाना जाता है।