Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

भगवान शिव को सावन का महीना अत्यंत ही प्रिय है। जो भी भक्त इस माह में उनकी विधिवतरूप से पूजा करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। आओ जानते हैं कि आखिर शिवजी को क्यों प्रिय है सावना का महीना।
1.     राजा दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह करने के बाद माता सती का दूसरा जन्म माता पार्वती के रूप में हुआ था। माता पार्वती ने शिवजी को प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था जिसके चलते सावन के माह में शिवजी ने माता से विवाह किया था। इसलिए उन्हें यह माह प्रिय है। इस संबंध में ब्रह्मा के पुत्र सनत कुमारों ने शिवजी से प्रश्न किया था कि आपको सावन का माह क्यों प्रिय है तो शिवजी ने उपरोक्त बात बताई थी। 
2.     देव और दैत्यों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। मंथन करने से सबसे पहले विष निकला था। विष को शिवजी ने अपने गले में धारण कर लिया था। इसके कारण वे नीलकंठ कहलाने लगे। विष के काणण उनके शरीर का तापमान बढऩे लगा तो देवताओं ने उन पर शीतल जल डालकर उस ताप को शांत किया। तभी से शिवजी को जल अतिप्रिय लगने लगता है। 
3.     कई जगहों पर बारिश में शिवलिंग पानी में डूबे रहते हैं। शिवलिंग के उपर एक कलश लटका रहता है जिससे बूंद-बूंद जल टपकता रहता है उसे जलाधारी कहती हैं। जहां भी प्राकृति शिवलिंग है वहां जल की धारा भी है।
4.     शिवजी के मस्तक पर चंद्रमा और गंगा मैया विराजमान है जिनका संबंध में जल से ही है। कैलाश पर्वत के चारों और बर्फ जमी रहती है और उसके पास है मान सरोवार। शिवजी को जल अति प्रिय है जबकि विष्णुजी तो जल में ही निवास करते हैं।
5.     यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव सावन के महीने में धरती पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत अर्ध्य देकर, जलाभिषेक कर किया गया था। अत: माना जाता है, कि प्रत्येक वर्ष सावन माह में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं। इसीलिए यह माह उन्हें प्रिय है। यही उपरोक्त सभी कारण है कि बारिश का मौसम और उसमें भी श्रावण का माह उन्हें अति प्रिय है जबकि सभी ओर हरियाली और शीतलता व्याप्त हो जाती है।
श्रावण मास में शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं ये 8 सामग्री और ना करें ये 6 कार्य वर्ना होगा नुकसान
 सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को रहेगा। श्रावण मास में शिवजी और माता पार्तती की पूजा का महत्व रहता है। पूजा सामग्री कई प्रकार की रहती है परंतु शिवजी को कुछ विशेष प्रकार के फूल ही चढ़ाए जाते हैं। आओ जानते हैं कि भगवान शिव की पूजा में रखना चाहिए कौनसी सावधानियां।
 1. शिवजी को केतकी और केवड़े का फूल नहीं चढ़ाया जाता है।
2. उन्हें तुलसीदल का पत्ता भी नहीं चढ़ाया जाता है।
3. शिवजी को नारियल और नारियल पानी भी नहीं चढ़ाया जाता है।
4. शिवजी को हल्दी भी नहीं चढ़ाई जाती है।
5. उन्हें कुककुम और रोली भी नहीं लगाई जाती है।
6. उन्हें खंडित अक्षत नहीं चढ़ाए जाते हैं।
7. शिवपूजा में सिंदूर भी नहीं चढ़ाया जाता है।
8. शिवपूजा में तिल का प्रयोग भी नहीं करते हैं।
ये कार्य ना करें
1. शिवजी की पूजा के दौरान शंख नहीं बजाया जाता है।
2. शिवलिंग की जलाधारी को लांघा नहीं जाता है।
3. शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है।
4. काले रंग के कपड़े पहनकर उनकी पूजा नहीं की जाती है।
5. किसी भी प्रकार का नशा करने उनकी पूजा करना अपराध है।
6. मांस, मटन या मच्?छी खाकर भी उनकी पूजा करना निशेध है।
सावन माह के पहले सोमवार को बन रहे हैं सबसे शुभ योग 
 1. हिंदू पंचांग के अनुसार 26 जुलाई 2021 को अर्थात सावन के पहले सोमवार को रात 10 बजकर 40 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। इसके बाद शोभन योग लग जाएगा। ये दोनों योग बहुत ही शुभ फलदायी होते हैं। 
2. सौभाग्य योग सदा मंगल करने वाला होता है। नाम के अनुरूप यह भाग्य को बढ़ाने वाला है। इस योग में की गई शादी से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। इसीलिए इस मंगल दायक योग भी कहते हैं, परंतु देव सो गए हैं इसलिए इस योग फिलहल विवाह नहीं कर सकते हैं।
3. सौभाग्य योग में व्यापार और व्यवसाय शुरु करने पर सफलता सुनिश्चित रूप से मिलती है।
4. शोभन योग शुभ कार्यों और यात्रा पर जाने के लिए यह योग उत्तम माना गया है। इस योग में शुरू की गई यात्रा मंगलमय एवं सुखद रहती है। मार्ग में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती जिस कामना से यात्रा की जाती है वह भी पूरी होकर आनंद की अनुभूति होती है। इसीलिए इस योग को बड़ा सजीला एवं रमणीय भी कहते हैं।
5. शोभन योग को धार्मिक कार्यों को करने के लिए भी शुभ माना गया है। इस योग में किए गए समस्त धार्मिक अनुष्ठान सफल होते हैं। अत: शिवजी की पूजा का इस योग में महत्व बढ़ जाता है।

उत्तर भारतीयों के लिए सावन सोमवार के दिन  
1. रविवार, 25 जुलाई 2021 श्रावण मास का पहला दिन.
2. सोमवार, 26 जुलाई 2021 पहला श्रावण सोमवार.
3. सोमवार, 02 अगस्त 2021 दूसरा श्रावण सोमवार.
4. सोमवार, 09 अगस्त 2021 तीसरा श्रावण सोमवार.
5. सोमवार, 16 अगस्त 2021 चौथा श्रावण सोमवार.
6. रविवार, 22 अगस्त 2021 श्रावण मास का अंतिम दिन.