Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन श्रीहरि की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। कहते हैं कि एकादशी व्रत रखने वालों के सभी पापों का नाश हो जाता है और सभी सुखों को भोगकर अंत में विष्णु लोक को जाता है।
अजा एकादशी कब है?
अजा एकादशी व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस साल यह तिथि 3 सितंबर, दिन शुक्रवार को पड़ रही है।
अजा एकादशी शुभ मुहूर्त-
2 सितंबर को एकादशी तिथि सुबह 06 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी, जो कि 3 सितंबर की सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। व्रत पारण का समय 4 सितंबर, शनिवार को सुबह 5 बजकर 30 मिनट से सुबह 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
एकादशी व्रत पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें। 
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।