Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

'विकासÓ की एक तुक 'निकासÓ भी है
इस बीच गुजरात के एक मुख्यमंत्री निपटाए गए और दूसरे लाए गए। पहले वाले जब मुख्यमंत्री बने थे तो 'विकास विकासÓ जपे थे, ये आए तो 'विकास विकासÓ जपे हैं, लेकिन कब किसका 'विकासÓ उसी के 'निकासÓ का कारण बन जाएगा यह सिर्फ 'विकासÓ ही जानता है, क्योंकि 'विकासÓ की एक तुक 'निकासÓ भी है।
अब तक था 'लव जिहादÓ, अब शुरू हुआ 'नशा जिहादÓ। अपना-अपना जनतंत्र अपना-अपना जिहाद। एक दिन दिल्ली बारिश में 'डूबीÓ तो चैनल ऐसे रोए कि लगा पहली बार बारिश देख रहे हैं। यह रिपोर्टरों की मासूमियत नहीं, बल्कि पेश करने की सनसनीखेज अदा है। जरा-सा पानी गिरा और 'प्रलय प्रलयÓ चिल्लाने लगे।
लेकिन, फिर एक दिन देश को आतंकी हमलों से बचा लिया गया। छह पाक प्रशिक्षित आतंकी पकड़ लिए गए। दो दिन तक चैनल उनके पते-ठिकाने बताते रहे, उनकी आतंकी क्षमता का वर्णन करते रहे। विपक्ष उवाच कि चुनावों के आसपास ही आतंकी क्यों पकड़े जाते हैं। फिर एक दिन हाथरस-मुरसान के राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से अलीगढ़ में पीएम द्वारा एक नए विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया तो चैनलों ने कहा कि मोदी जी ने यूपी चुनाव का बिगुल बजा दिया है, लेकिन विपक्ष बोला कि यह सब चुनाव में 'जाट वोटÓ जीतने के लिए किया जा रहा है।
गणेश चतुर्थी के दिन दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने 'लाइवÓ गणेश पूजा दिखा कर बाकी सब भक्त नेताओं को पीछे छोड़ दिया।
उधर राहुल भैया ने भी माता वैष्णो देवी के दर्शन के बाद यह कह कर खबर बनाई कि 'भाजपा वाले दुर्गा को मारते हैं, सरस्वती को मारते हैंज् इस पर कुछ भक्तजन बोले कि ये क्या दर्शन हुए? उन्होंने 'जै माता दीÓ का जैकारा तो लगाया ही नहीं। अब राहुल भैया क्या 'चंचलÓ की तरह माता का भजन गाते कि 'तूने मुझे बुलाया शेरांवालिए, मैं आया मैं आया शेरांवालिएज् जै माता दीज् जोर से बोलो जै माता दीÓ।
एक अंग्रेजी एंकर अब तक दो बार पूछ चुका है कि हिंदू मंदिरों को सरकारें न केवल कंट्रोल करती हैं, बल्कि उनकी लूट भी करती हैं, जबकि दूसरे धर्म-संस्थानों को उनके समुदायों के हवाले छोड़ा हुआ है। यह कैसा सक्युलरिज्म है? है न नए पंगे के लिए गरमागरम मुद्दा।
फिर एक दिन एक अंग्रेजी एंकर ने 'ग्लोबल हिंदुत्व को तोड़ोÓ वाले ग्लोबल वेबिनार की पोल खोलने के लिए अमेरिका के हिंदू धर्म विशेषज्ञ 'डेविड फ्राउलीÓ उर्फ 'स्वामी वामदेव शास्त्रीÓ से बात की, जिन्होंने बताया कि इस सेमिनार के पीछे कौन-कौन है और यह भी बताया कि ये कुछ ही लोग हैं, जिनके किए कुछ नहीं होने का और कि विदेशों में हिंदू समाज ने अपनी छवि को अपने कर्मों से उदार और प्रिय बनाया है।
एक अंग्रेजी चैनल पर प्रसारित 'रेस अगेन्स्ट टाइमÓ नामक अमेरिकी डाक्यूमेंट्री हर तरह से देखने लायक रही। वह बताती रही कि 'अलकायदाÓ ने '9/11Ó को कैसे अंजाम दिया और किस तरह से अमेरिकी प्रशासन अपनी जनतांत्रिक 'खींचतानÓ के कारण उससे निपटने में ढीला रहा। यों उसे पहले से मालूम रहा कि 'लादेनÓ जरूर हमला करेगा, लेकिन कब, कहां और कैसे करेगा, इसका पक्का सुराग नहीं लगाया जा सका और फिर एक दिन लादेन ने उसी के जहाजों से अपने दो मरजीवड़ों के जरिए उसी की दो मीनारों को ध्वस्त करवा दिया।
डाक्यूमेंट्री यह भी बताती रही कि 'अल कायदाÓ को अमेरिका न तब समझ पाया था और न अब समझ पाया है, और कि पाकिस्तान पूरे बीस साल अमेरिका को चूना लगाता रहा और वह प्यार से लगवाता भी रहा। फिल्म देख कर हम कह सकते हैं कि जिस पाक की असलियत को अपने यहां का सड़क चलता आदमी तक समझता है उसे हारवर्ड डिग्री वाले क्यों नहीं समझ सकते।
इस बीच गुजरात के एक मुख्यमंत्री निपटाए गए और दूसरे लाए गए। पहले वाले जब मुख्यमंत्री बने थे तो 'विकास विकासÓ जपे थे, ये आए तो 'विकास विकासÓ जपे हैं, लेकिन कब किसका 'विकासÓ उसी के 'निकासÓ का कारण बन जाएगा यह सिर्फ 'विकासÓ ही जानता है, क्योंकि 'विकासÓ की एक तुक 'निकासÓ भी है।
एक अंग्रजी चैनल अक्सर 'सैमुअल हंटिग्टनÓ की थीसिस 'क्लैश ऑफ सिविलाइजेशंसÓ तथा तालिबान के 'गजवा-ए-हिंदÓ को जोड़ कर देखता-दिखाता और हमें डराता रहता है और कोई 'रणबांकुराÓ नहीं कहता कि : 'इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं जे तरजनी देखि मर जाहींÓ। लेकिन भैये। यूपी के आसन्न चुनाव जो न कहलवाएं सो थोड़ा। एक दिवस योगी जी ने एक विपक्षी नेता पर कटाक्ष करते हुए कह दिया 'अब्बाजानÓ, तो हर चैनल पर होने लगा 'अब्बाजान अब्बाजानÓ। फिर किसान नेता टिकैत जी ने तुक मार दी कि ओवैसी है इनका 'चचाजानÓ। तो होने लगा 'अब्बाजान और चचाजानÓ फिर एक ने कहा कि अभी तो आनी है 'अम्मीजानÓ। है न अपनी राजनीति एक मनोरंजक लव स्टोरी। और फिर एक दिन पीएम जी ने 'लोकसभा टीवीÓ और 'राज्यसभा टीवीÓ को मिला कर 'संसद टीवीÓ बना दिया। फिर एक दिन पीएम के इकहत्तरवें जन्मदिन पर केजरीवाल ने तो बधाई दी ही, राहुल भैया ने भी बधाई दी। राहुल भैया की ऐसी सदाशयता को देख हमारी तो आंखें भर आर्इं।