मोक्ष देने वाली इंदिरा एकादशी हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। इस वर्ष ?इंदिरा एकादशी 02 अक्टूबर दिन शनिवार को सिद्ध योग में है। इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है और पूजा के समय इंदिरा एकादशी व्रत की कथा का श्रवण करते हैं। इंदिरा एकादशी व्रत से प्राप्त पुण्य को अपने पितरों को दान कर देना चाहिए, जिससे की उनको मोक्ष की प्राप्ति हो सके। जिन पितरों को मोक्ष नहीं मिला होता है, वे इंदिरा एकादशी व्रत के पुण्य से मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस वर्ष इंदिरा एकादशी व्रत की सही तिथि और पूजा का मुहूर्त क्या है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 01 अक्टूबर को रात में 11.03 बजे से लग रही है, जो अगले दिन 02 अक्टूबर को रात 11.10 बजे तक रहेगी। ऐसे में इंदिरा एकादशी व्रत 02 अक्टूबर दिन शनिवार को रखा जाएगा। एकादशी व्रत की पूजा मुख्यत: दिन में ही होती है। रात्रि के समय में भगवत जागरण किया जाता है। इस दिन सिद्ध योग में इंदिरा एकादशी व्रत रखा जाएगा। सिद्ध योग उस दिन शाम को 05.47 बजे तक रहेगा। उसके बाद साध्य योग प्रारंभ होगा। इस दिन राहुकाल सुबह 09.12 बजे से सुबह 10.41 बजे तक है। एकादशी पूजा में राहुकाल का ध्यान रखना चाहिए।
व्रत पारण समय : इंदिरा एकादशी व्रत का पारण 03 अक्टूबर को सुबह 06.15 बजे से सुबह 08.37 बजे के बीच कर लेना उत्तम रहेगा।
इंदिरा एकादशी का महत्व : इंदिरा एकादशी व्रत को मोक्ष देने वाला कहा गया है। जो लोग इस व्रत को करते हैं, उनको मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। वह जीवन चक्र से मुक्त हो जाता है। यह एकादशी पितृ पक्ष में पड़ती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इंदिरा एकादशी व्रत के पुण्य को पितरों को देने से उनकी आत्मा तृप्त होती है और उनको भी जीवन मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।
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