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संतानों की विमुखता से जटिल होती वृद्धावस्था

एक चिन्तनीय प्रश्न है कि भारत में वृद्धाश्रमों में भीड़ क्यों बढ़ रही है? क्यों वृद्धों की उपेक्षा एवं प्रताडऩा की स्थितियां लगातार बढ़ती जा रही है?

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सूर्य नमस्कार : विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का आसान समाधान

१४ जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य का उदय थोड़ा उत्तर दिशा में होगा- यह अवसर देश भर में अपने साथ कई सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और कृषि संबंधी संदेश लेकर आएगा।

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शहरी क्षेत्रों में नए आशियाने के लिए एक क्लिक में नक्शे होंगे पास

जीवन के बस तीन निशान रोटी, कपड़ा और मकान। यह एक गीत ही नहीं बल्कि हकीकत भी है। लोगों की जिंदगी का अधिकांश समय बस इस तीन समस्याओं के निराकरण में ही निकल जाता है।

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स्वामी विवेकानंद की विचारधारा युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं

आज की प्रौद्योगिकी संचालित दुनिया में, युवा एक लक्ष्य  पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए स्वामी  विवेकानंद जी  के दर्शन को समझने की आवश्यकता  है 7सन् 1984 में भारत सरकार ने 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती   के रूप मनाने की घोषण

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सुरक्षित किशोरों के लिए टीकाकरण की मुहिम

कोरोना की तीसरी लहर एक बार फिर बड़े संकट का इशारा कर रही है।

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सुरक्षा से समझौता एवं बौखलाहट की राजनीति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पंजाब में वहां की कांग्रेस सरकार द्वारा जो घोर उपेक्षा, गंभीर लापरवाही एवं असुरक्षा की गयी, वह कांग्रेस की राजनीति का एक कालापृष्ठ है।

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चलो ऐसा उपाय अपनाएं कि लॉकडाउन लौट के न आएं...

जब हम हताश और निराश हो जाते हैं तो हमें जिदंगी का एक-एक पल चुनौतियों से भरा और बोझ सा लगने लगता है।

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सावित्री बाई फुले : भारत का गौरव जिसने समाज की दिशा बदल दी!

शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व का ही विकास नहीं करती है बल्कि उसे पुरातन व रूढ़ मान्यताओं के गहरे भंवर से निकालकर प्रकाश की ओर भी लाती है।

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छत्तीसगढ़ के 36 माह : कांटों की राह में विकास की चाह

अविभाजित मध्यप्रदेश के समय धान का कटोरा कहलाने वाला हमारा छत्तीसगढ़ जब से अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया है, विकास की नित नई सीढियां चढ़ रहा है।

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नये वर्ष को बेहतरी का वर्ष बनाना होगा

वर्ष 2022 का प्रारम्भ हो गया है। वर्ष 2021 को अलविदा कहा है। अगवानी एवं अलविदा की इस संधि-बेला ने चिन्तन की दीवारों पर अनेक प्रश्नचिन्ह टांगे हैं। उन प्रश्नों पर आत्म विश्लेषण भी करें कि बीते वर्ष में हमने क्या खोया और क्या पाया है।