नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामलों में कमी आने और लागू प्रतिबंधों के हटाए जाने के बाद अब कंपनियों अपने कर्मचारियों को वापस कार्यालय बुलाने की तैयारी में जुट गई हैं। यानी ये कंपनियां अब फिर से वर्क फ्रॉम ऑफिस शुरू करने में गहरी दिलचस्पी दिखा रही हैं।
इस बीच एक रिपोर्ट के अनुसार, कई कंपनियों में भर्ती प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। ऑफिसों को फिर से खोलने के बीच बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारत में स्थित इकाइयां बढ़े पैमाने पर नई भर्तियां करने को तैयार है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक इन कंपनियों की लगभग 1,80,000 से 2,00,000 कर्मचारियों की नियुक्ति करने की योजना है। भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) बड़े स्तर पर भर्तियों की तैयारी में हैं। भर्तियां करने के मामले में शीर्ष पर रहने वाली कंपनियों में एमेक्स, बैंक ऑफ अमेरिका, वेल्स फारगो, सिटी, बार्कलेज, मॉर्गन स्टेनली, एचएसबीसी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, गोल्डमैन सैक्स, अमेजन, टारगेट, वॉलमार्ट, शेल, जीएसके, एबॉट, फाइजर, जेएंडजे, नोवार्टिस शामिल हैं।
एक्सफेनो के कोफाउंडर अनिल एथनुर ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद भर्तियों में तेजी में सक्रिय जीसीसी की अहम भूमिका है। वर्तमान में, भारत में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई), आईटी सॉफ्टवेयर, ऑटोमोटिव, फार्मास्यूटिकल्स, खुदरा और तेल और गैस सहित क्षेत्रों में लगभग 1,500 जीसीसी हैं।
एक्सफेनो द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, कंपनियों के इस समूह ने 2021-22 में भारत में कुल मिलाकर लगभग 170,000 रोजगार दिए, जबकि सकल हायरिंग लगभग 350,000 थी। 2025 तक देश में 500 से अधिक नए जीसीसी अपने कैप्टिव टेक सेंटर स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।
कोविड -19 के प्रकोप के बाद देश में जीसीसी बढ़ने लगे, और इससे दूरस्थ कार्य करने के विचार के लिए संगठनों की संख्या में भी वृद्धि हुई। भारत के समृद्ध प्रतिभा पूल के साथ विशेष रूप से प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने तेजी से देश को एक रणनीतिक हॉटस्पॉट में बदल दिया है। भारत में जीसीसी में शीर्ष भर्तीकर्ता बीएफएसआई कंपनियां हैं। वित्त वर्ष 2022 में, बीएफएसआई जीसीसी क्लस्टर नेट ने 60,000 से अधिक नौकरियां दी हैं, जो कि वित्त वर्ष के दौरान कुल रोजगार का लगभग एक-तिहाई है। अन्य शीर्ष क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर, ऑटोमोटिव, फार्मा, रिटेल और तेल एवं गैस शामिल हैं।
उपभोक्ता शोधकर्ता नीलसन आईक्यू के वैश्विक मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी मोहित कपूर ने कहा कि भारत एक बाजार के रूप में एक वाणिज्यिक दृष्टिकोण से बहुत आकर्षक है। इसमें गुणवत्ता और मात्रा दोनों के साथ सबसे बड़ी विश्वविद्यालय प्रणाली भी है। नीलसन 2023 के अंत तक चेन्नई, वडोदरा और पुणे में अपने तीन वैश्विक केंद्रों में देश में 5,000 से अधिक लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रही है।
वहीं इस बीच, भारत की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए, ड्यूश इंडिया के सीईओ दिलीपकुमार खंडेलवाल ने कहा कि भारत में बहुत गहरा प्रतिभा पूल है और इंजीनियरिंग और वित्त पृष्ठभूमि से बड़ी संख्या में संसाधन हैं। ड्यूश भी तीन हजार भर्तियों की तैयारी में है।