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जिनेवा। मंगलवार को एक बार फिर से टेडरोस अदनहोम गेब्रेहेसुस को डब्ल्यूएचओ प्रमुख के रूप में चुन लिया गया है। जिसके बाद डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने ट्वीट कर कहा, मैं सदस्य देशों का आभारी हूं, जिन्होने मुझपर विश्वास जताया। मैं सभी स्वास्थ्यकर्मियों और सहकर्मियों को धन्यवाद देता हूं, जिनके साथ में यात्रा जारी रखने के लिए उत्सुक हूं।, 

घातक कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए मौजूदा कठिनाइयों के बीच किसी अन्य उम्मीदवार ने इस पद के लिए टेडरोस को चुनौती नहीं दी। उनका अगला कार्यकाल भी पांच साल का होगा। अपने चुनाव के बाद टेडरोस काफी भावुक हो गए थे और उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने अपने आंसुओं को रोकते हुए खुद को युद्ध का नौसिखिया बताया। उन्होंने कहा कि कम उम्र में अपने छोटे भाई की मृत्यु देखने के बाद किस्मत ने मुझे यहां तक पहुंचाया।

इथियोपिया में मंत्री रहे टेडरोस ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 से निपटने में विश्व स्वास्थ्य संगठन का अपने प्रबंधन कौशल से नेतृत्व किया और कभी-कभी इसके कई गलत कदमों पर आलोचना का सामना किया। वह एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले अफ्रीकी हैं और एकमात्र महानिदेशक हैं जो डॉक्टर नहीं हैं।

टेडरोस के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी चीन सहित कई देशों को उनकी गलतियों के लिए रोकने में विफल रही। इन देशों ने महीनों तक मास्क पहनने के खिलाफ सलाह दी थी और शुरू में कहा था कि कोरोना वायरस के तेजी से स्वरूप बदलने की संभावना नहीं है।

चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा भेजे गए वैज्ञानिकों ने कहा था कि पिछले साल एक रिपोर्ट जारी करने के बाद महत्वपूर्ण जांच ‘‘ठप’’ हो गई थी, यहां तक कि टेडरोस ने भी स्वीकार किया था कि रिपोर्ट में प्रयोगशाला से वायरस के प्रसार की आशंका से इनकार करने में जल्दबाजी की गई थी।

वाशिंगटन में सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट में वैश्विक स्वास्थ्य नीति के निदेशक जेवियर गुजमैन ने कहा, ‘‘कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन टेडरोस भी महामारी के दौरान समान रूप से आवाज उठाते रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि टेडरोस के नेतृत्व के बारे में आपत्तियों के बावजूद, कुछ देश बदलाव के लिए जोर देने को तैयार नहीं हैं। गुजमैन ने कहा, ‘‘हम महामारी के बीच में हैं और हमें इस कठिन क्षण से निकालने के लिए एक सतत नेतृत्व की आवश्यकता है।’’

दुनिया में कोविड-19 रोधी टीकों की सीमित आपूर्ति और टीकों की जमाखोरी के लिए टेडरोस ने अक्सर अमीर देशों को निशाना बनाया है और इस बात पर जोर दिया है कि दवा कंपनियां अपनी दवाएं गरीबों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही हैं।

रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन पर लगभग सभी का ध्यान केंद्रित होने के बीच टेडरोस ने यमन, सीरिया और अफगानिस्तान सहित अन्य जगहों पर संकटों के हल के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर वैश्विक समुदाय की खिंचाई की थी और कहा था कि ऐसा संभवतः इसलिए हुआ क्योंकि पीड़ित गोरे नहीं थे। फिर भी, आलोचकों का कहना है कि टेडरोस कुछ मूलभूत मुद्दों पर विफल रहे हैं।