नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी Tesla (टेस्ला) की कारें भारत में लॉन्च होंगी या नहीं, इस बारे में कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने एक बड़ा बयान दिया है। सोशल मीडिया ट्विटर पर एक यूजर के सवाल के जवाब पर मस्क ने टेस्ला की योजनाओं का खुलासा किया। लेकिन भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी Ola Electric (ओला इलेक्ट्रिक) के सीईओ भाविश अग्रवाल ने मस्क के इस जवाब पर जोरदार चुटकी ली है।
अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला भारत में अपने वाहनों को बेचने के लिए आयात शुल्क में कमी की मांग कर रही है। कंपनी के संस्थापक और सीईओ एलन मस्क ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने उत्पादों का निर्माण स्थानीय स्तर पर नहीं करेगी, जब तक कि उसे देश में अपनी कारों को बेचने और सर्विस करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
ट्विटर पर एक यूजर द्वारा भारत में मैन्युफेक्चरिंग प्लांट लगाने के बारे में पूछने पर मस्क ने एक ट्वीट में कहा, "टेस्ला ऐसी किसी भी जगह पर मैन्युफेक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी जहां हमें पहले कारों को बेचने और सर्विस करने की इजाजत नहीं है।"
भाविश अग्रवाल ने मस्क के बयान को री-ट्वीट करते हुए चुटकी ली और अपना रिएक्शन दिया, "Thanks, but no thanks". यानी भाविश ने कहा कि शुक्रिया... लेकिन इसके लिए शुक्रिया कहने की तो जरूरत ही नहीं है।
पिछले महीने, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करने के लिए तैयार है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन कंपनी को चीन से कारों का आयात नहीं करना चाहिए।
मस्क ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि अगर टेस्ला देश में आयातित वाहनों के साथ पहली बार सफल होती है तो वह भारत में एक मैन्युफेक्चरिंग प्लांट लगा सकती है।
टेस्ला की सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक वर्ष से भी ज्यादा समय से बातचीत चल रही थी। जिसमें पैदा हुए गतिरोध के चलते कंपनी ने यह फैसला लिया। टेस्ला पहले अमेरिका और चीन के उत्पादन केंद्रों से आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को कम टैरिफ पर बेचकर, भारतीय बाजार में मांग का आकलन करना चाहती थी।
लेकिन भारत सरकार ने टैरिफ कम करने से पहले टेस्ला को स्थानीय स्तर पर मैन्युफेक्चरिंग के लिए प्रतिबद्ध किया। अरबपति एलन मस्क का कहना है कि भारत में इंपोर्ट ड्यूटी (आयात शुल्क) दुनिया में सबसे ज्यादा है।
भारत में कितना है इलेक्ट्रिक कारों पर टैरिफ
भारत में 40 हजार डॉलर (करीब 28 लाख रुपये से ऊपर) से ज्यादा कीमत के आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 फीसदी टैक्स लगाया जाता है। जबकि इससे कम कीमत के वाहनों पर 60 फीसदी टैक्स लगाए जाने का प्रावधान है।