रायपुर। शनिवार को रायपुर पहुंची केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बच्चों के बीच कुछ वक्त बिताया। केंद्रीय मंत्री ने नवा रायपुर के उपरवारा में बनी आंगनबाड़ी का दौरा किया। यहां बच्चों के साथ उनकी टीचर बनकर स्मृति ईरानी ने उन्हें अक्षर पढ़ाए। वहीं बच्चों का जवाब सुनकर भी काफी प्रभावित हुईं। उन्होंने अपने शिक्षकों का सम्मान करने की बात कही।
आंगनबाड़ी के कमरे में बनी अक्षरों से जुड़ी पेंटिंग के पास स्मृति ईरानी बच्चों को लेकर गईं। वह यहां बच्चों से अनार, खरगोश, कबूतर के चित्र दिखाकर उनसे जुड़े अक्षरों पर सवाल पूछती गईं। गुजराती में पूछा खरगोश किसने देखा है, अनार किसने खाया है, बच्चे भी फटाफट जवाब देते गए। यह देखकर स्मृति ईरानी ने ताली बजाई। उन्होंने बच्चों से कहा कि आंगनबाड़ी की सभी दीदियों के लिए ताली बजाओ। तिरंगे झंडे की तस्वीर पर उंगली दिखाकर स्मृति ईरानी ने बच्चों से पूछा यह झंडा किसका है एक बच्चे ने झट से जवाब दिया भारत का यह सुनकर स्मृति ईरानी काफी प्रभावित हुईं।
उन्होंने केंद्रीय योजनाओं की जानकारी ली। इसके बाद वो सेरीखेड़ी रायपुर स्थित हुकुम ललित महल होटल पहुंचीं। यहां स्मृति ईरानी ने जोनल मीटिंग में शामिल होकर भाजपा नेताओं से चर्चा की। भाजपा के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भी स्मृति ईरानी का कार्यक्रम तय है इसके बाद वो दिल्ली रवाना होंगी।
सभी भाषाओं में काम हो, सभी को न्याय मिलेः रिजेजू
वहीं दूसरी ओर अपीलीय अधिकरण के नए भवन के शुभारंभ कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजेजू ने कहा कि अंग्रेजी ठीक बोलने वाले को ही ज्यादा केस मिलते हैं, ऐसा नहीं है। अंग्रेजी नहीं जानता तो काम रुक जाएगा क्या? इस देश में कोई सोचे अंग्रेजी बोल रहा तो बहुत स्मार्ट है तो ये तो बहुत गलत बात है। सभी भाषाओं में काम होने चाहिए। छत्तीसगढ़ी में भी बात हो सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों को न्याय मिले यही हमारी प्राथमिकता है। आम आदमी और न्याय के बीच में कोई दूरी नहीं होनी चाहिए। सुकमा, जगदलपुर, नारायणपुर के केस हाईकोर्ट बिलासपुर में बुलाए जाएं, ऐसा नहीं होना चाहिए। लोगों के पास जाकर न्याय मिले ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। हम नई व्यवस्था पर ई-कोर्ट को लेकर काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से दूर कहीं बैठकर भी केस से जुड़ सकें, ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं।
देरी से न्याय मिले, तो उसका फायदा नहीं
रिजेजू ने कहा कि जब वे कानून मंत्री बने तो 4 करोड़ 25 लाख के आसपास के केस पेंडिंग थे। अब साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा पेंडिंग केसेस हो गए हैं। जितने मामले निपटाए जा रहे हैं, उससे दोगुने नए केस आ रहे हैं जो बहुत चिंताजनक है। काम हो रहे हैं इसलिए केसेस भी बढ़ रहे हैं। महीनों-महीनों तक केस नहीं लटकना चाहिए। समय पर न्याय जरूरी है, देरी से न्याय का क्या फायदा। कहा कि कई कानून बिना मतलब के हैं।कम से कम कानून होने चाहिए। लोगों को अपने तरीके से जीने देना चाहिए।