Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

नई दिल्ली। देश में सरिये के दाम तेजी से घटे हैं। बीते दो माह में भाव आधे से कम रह गए। इसलिए भवन निर्माण क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि यह घर बनाने का सबसे अच्छा मौका है। 

सरकार ने बीते दिनों घरेलू दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी को रोकने के लिए गेहूं निर्यात पर रोक, सरिया के निर्यात पर शुल्क वृद्धि समेत कई फैसले लिए हैं। उनका असर बाजार पर सीधा नजर आ रहा है। आगामी वर्षाकाल में निर्माण उद्योग मंद होता है, इसलिए भी भावों में गिरावट आ रही है। 

सरिये के दाम तो अमूमन रोज नीचे जा रहे हैं। मार्च में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके दाम अब घटकर आधे रह गए हैं। मार्च में सरिये के खेरची दाम 85 हजार रुपये प्रति टन थे। जून के पहले सप्ताह में ये 45 से 50 हजार रुपये प्रति टन तक नीचे आ गए हैं। सिर्फ लोकल सरिया ही सस्ता नहीं हुआ है, बल्कि बड़ी कंपनियों को ब्रांडेड भी नीचे आया है। ब्रांडेड सरिये के दाम भी अब घटकर 80 से 85 हजार रुपये प्रति टन पर आ गए हैं। मार्च में इनके दाम एक लाख रुपये प्रति टन तक पहुंच गए थे। 

भवन निर्माण सामग्री सस्ती होने से घर बनाने की लागत कम हो गई है। निर्माण उद्योग में रेत, सीमेंट, सरिये व ईंटों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। दरअसल किसी भी निर्माण की बुनियाद सरिये पर निर्भर करती है। दो माह पहले इसके बाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे। 

कई अन्य खाद्य व अखाद्य वस्तुओं, जिनमें खाने व ईंधन का तेल भी शामिल है, के दाम भी आसमान छूने लगे थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने बाजार नीतियों में दखल दिया। कई वस्तुओं पर टैक्स व शुल्क घटाए गए तो निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए कई वस्तुओं पर ड्यूटी बढ़ा दी। सरिये पर भी सरकार ने एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी। इसका सीधा असर घरेलू बाजार में दाम घटने के रूप में सामने आया।