मुंबई। भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर मिताली राज ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। संन्यास का एलान करते हुए मिताली ने कहा- इतने सालों तक टीम का नेतृत्व करना सम्मान की बात है। इसने मुझे एक बेहतर इंसान बनाया और उम्मीद है कि इससे भारतीय महिला क्रिकेट को भी आगे बढ़ने में मदद मिली।
मिताली ने इसी साल न्यूजीलैंड में हुए महिला वनडे विश्व कप में अपना आखिरी मैच खेला था। उन्होंने टूर्नामेंट में सात मैचों में 26 की औसत और 62.97 के स्ट्राइक रेट से 182 रन बनाए थे। हालांकि, वह टीम इंडिया को खिताब नहीं दिला पाईं। मिताली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला और उसमें 68 रन की पारी खेली थी। भारतीय टीम राउंड रॉबिन फॉर्मेट से ही बाहर हो गई थी।
39 साल की मिताली ने 23 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत करते हुए लिखा- वर्षों से आपके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद! मैं आपके आशीर्वाद और समर्थन से अपनी दूसरी पारी शुरू करने की तैयारी कर रही हूं।
मिताली वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला बल्लेबाज हैं। उन्होंने 232 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 50.68 की औसत से 7805 रन बनाए। इसके अलावा मिताली ने 12 टेस्ट मैच भी खेले हैं। इसमें उन्होंने 19 पारियों में 43.68 की औसत से 699 रन बनाए। वहीं, 89 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम 2364 रन हैं। इसमें उनकी औसत 37.52 की रही। मिताली ने वनडे में आठ विकेट भी झटके हैं।
मिताली ने 1999 में 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। जल्द ही अपने दम पर वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी बन गईं। मिताली ने वनडे फॉर्मेट में डेब्यू किया था और आयरलैंड के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में ही शतक लगाया था। अब उन्होंने वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला क्रिकेटर के रूप में करियर का अंत किया है।
वनडे में मिताली के नाम सात शतक और 64 अर्द्धशतक हैं। वहीं टेस्ट में वह भारत की ओर से दोहरा शतक लगाने वाली इकलौती महिला बल्लेबाज हैं। 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ मिताली ने 214 रन की पारी खेली थी। यह महिला क्रिकेट में टेस्ट में दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर भी है।
भारतीय टीम मिताली की कप्तानी में 2017 आईसीसी महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी। फाइनल में टीम इंडिया इंग्लैंड से हार गई थी। मिताली की कप्तानी में ही भारतीय टीम 2005 महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में भी पहुंची थी। हालांकि, तब टीम को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने हराया था।
यहां पढ़ें मिताली राज का पूरा बयान
मिताली ने ट्वीट के साथ एक चिट्ठी भी पोस्ट की। इसमें उन्होंने लिखा- टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनने के लिए मैंने एक छोटी बच्ची के रूप में करियर की शुरआत की थी और फिर देश का प्रतिनिधित्व किया जो कि एक बड़े सम्मान की बात है। इस यात्रा में मैंने अच्छा और बुरा सब देखा है। हर एक घटना ने मुझे कुछ नया सिखाया है। यह 23 साल मेरे लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण, सुखद और परिपूर्ण रहे हैं। सभी यात्राओं की तरह इसे भी एक दिन खत्म होना था। मैं आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले रही हूं।
मिताली ने लिखा- मैंने जब भी मैदान पर कदम रखा, हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। मेरा मकसद हमेशा टीम इंडिया को जीत दिलाने का रहा। मुझे मिल हर मौके को अपने साथ संजोकर रखूंगी। भारतीय टीम योग्य और हुनरमंद युवा खिलाड़ियों के हाथों में है और मुझे लगता है कि करियर को समाप्त करने का यही सही समय है। भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुनहरा है। मैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर बीसीसीआई सचिव जय शाह सर से मिले समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं।
यहां मेरी यात्रा खत्म होती है, लेकिन एक नई यात्रा की शुरुआत होगी। मैं इस खेल में बने रहना चाहती हूं। मैं इस खेल से प्यार करती हूं। मुझे भारत और पूरी दुनिया में महिला क्रिकेट को बढ़ाने के लिए अपना योगदान देने में खुशी होगी। मेरे सभी फैन्स का बहुत धन्यवाद। आप सभी के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद।