0 कोरिया जिले के 1500 अधिक स्कूलों में आकर्षक पेंटिंग और रंग-रोगन से बदली तस्वीर
0 नन्हे बच्चों के आकर्षण और मनोरंजन के लिए तैयार आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र
बैकुंठपुर। कोरिया जिले के 1500 अधिक स्कूलों में आकर्षक पेंटिंग और रंग-रोगन से बदली तस्वीरनए शैक्षणिक सत्र चालू माह के 16 जून से शुरू होने जा रहा है। प्रदेश में स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के आकर्षण और मनोरंजन के हिसाब से खूबसूरत पेंटिंग, रंग-रोगन और मरम्मत कर शासकीय स्कूलों में बच्चों का स्वागत करने की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। इसी कड़ी में कोरिया जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टर श्री श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में जिले के 1500 से अधिक शासकीय स्कूलों में रंग-रोगन और पेंटिंग कर चमक-दमक के साथ तैयार की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर वातावरण मिले और उनका भरपूर मनोरंजन हो।
कोरिया जिले के जिला शिक्षा अधिकारी श्री संजय गुप्ता ने बताया कि स्कूली और आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को नया और अच्छा वातावरण देने के लिए स्कूलों में रंग-रोगन और खूबसूरत पेंटिंग किये गए हैं। आगामी नये शैक्षणिक सत्र के लिए सभी स्कूल सज-धज के बच्चों के स्वागत के लिए तैयार हैं। जिला प्रशासन का प्रयास है कि नए माहौल में बच्चे नई ऊर्जा और उमंग के साथ पढ़ाई करें।
अधिकारियों ने बताया कि जिला मुख्यालय कोरिया के प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला कटकोना विकासखडं बैकुण्ठपुर स्कूल का स्वरूप बदलकर आकर्षक और सुंदर हो गई है। इसी प्रकार माध्यमिक शाला तुम्मीबारी, माध्यमिक शाला चिरगुड़ा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला रनई से लेकर दूरस्थ क्षेत्र भरतपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बिहारपुर तक 15 सौ से ज्यादा स्कूलों को नया स्वरूप दिया गया है। इसमें 954 प्राथमिक शाला, 414 माध्यमिक शाला, 71 शासकीय हाई स्कूल और 75 शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूलों का मरम्मत, रंग-रोगन कर आकर्षक व खूबसूरत पेंटिंग किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों के साथ-साथ आंगनबाड़ियों को चिन्हांकित कर आदर्श आंगनबाड़ियों के रूप में विकसित किया जा रहा है। नन्हे बच्चों के आकर्षण और मनोरंजन का ध्यान रखते हुए आंगनबाड़ियों का भी स्वरूप धीरे-धीरे बदला जा रहा है। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में ए टू जेड, वर्णमाला और पोषण आहार को समझाने के लिए सब्जियों, फलों की पेंटिंग भी बनाई गई है। इसका उद्देश्य है बच्चों को आंगनबाड़ियों में आना रोचक लगे और खेल-खेल में वे नई जानकारी सीख सकें।