रायपुर। रायपुर में 41 डिग्री की गर्मी में तेज धूप के बीच चल रहे महिलाओं के आंदोलन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के महापड़ाव अभियान में 2 महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई। ये महापड़ाव आंदोलन रायपुर के धरना स्थल पर चल रहा है।
जिन महिलाओं की तबीयत बिगड़ी वह राजनांदगांव जिले की बताई जा रही हैं। आनन-फानन पास के अस्पताल में उन्हें में भेजा गया। एंबुलेंस का काफी देर तक इंतजार किया गया मगर भीड़ भाड़ की वजह से एंबुलेंस के पहुंचने में भी देरी हुई। ऑटो से ही महिलाओं को अस्पताल भेजा गया, बाद में जब एंबुलेंस आई तो दूसरी महिलाओं ने इसकी जानकारी दी।
बसों में भर पहुंची महिलाएं
रायपुर के धरना स्थल पर करीब 30-40 बसों में भरकर 23 जिलों से महिलाएं गुरुवार को ही रायपुर पहुंची हुई हैं । बहुत सी महिलाएं शुक्रवार को भी आईं। अब धरना स्थल पर पैर रखने तक की जगह नहीं है। धरना स्थल पर तो महिलाएं धरने पर बैठे ही हैं? आसपास के चौराहों रेस्टोरेंट चाय की टपरी में भी महिलाओं का जमघट लगा हुआ है।
इस हाल में बिताई रात
गुरुवार को रायपुर आ चुकी महिलाओं को कहीं कोई आसरा नहीं मिला तो धरना स्थल पर रात बिताई। गर्मी, गंदगी और मच्छर के बीच सड़क पर ही सोकर महिलाओं ने रात काटी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की सुधा रात्रे ने बताया कि महिलाएं इतनी गर्मी में सड़क पर पड़ी रहीं किसी ने कोई सुध नहीं ली।
इन मांगों की वजह से आंदोलन
यह सभी चाहती है कि इन्हें कलेक्टर दर पर मेहनताना दिया जाए । फिलहाल इन्हें लगभग 6000 रुपये मिलते हैं। पिछले चुनावों में कांग्रेस के घोषणा पत्र में कलेक्टर दर पर मानदेय देने का वादा किया गया था। अब सभी महिलाएं चाहती हैं कि उसी वादे को निभाया जाए।