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मुंबई। बीती सदी के महानायक का खिताब पाने वाले अमिताभ बच्चन का रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ फिर से शुरू हो रहा है और इस बार अमिताभ बच्चन कह रहे हैं, ‘ज्ञान चाहे जहां से मिले बटोर लो, लेकिन पहले थोड़ा टटोल लो।’ यानी कि ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और इंटरनेट पर जो भी कुछ लिखा गया है, वह सत्य ही हो ये तय नहीं है।

इसलिए ‘फैक्ट चेक’ करते रहना जरूरी है। इस बार मुलाकात हुई अपने जमाने की बेहद लोकप्रिय अभिनेत्री जरीना वहाब से। जरीना के पति आदित्य पंचोली और बेटे सूरज पंचोली के बारे में सबको पता ही है, लोगों को इंटरनेट की बदौलत ये भी पता है कि कि बीते जमाने के शो मैन राज कपूर ने जरीना को देखते ही ये कह दिया था कि वह हीरोइन नहीं बन सकती हैं! हमने जरीना वहाब से सीधे सीधे इसी फैक्ट को चेक करने के लिए सवाल कर दिया।

राजकपूर ने की थी जीनत अमान से तुलना
जरीना वहाब कहती हैं, ‘यह जानकारी जो इंटरनेट पर उपलब्ध है, वह गलत है। जब मैं पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कर रही थी। तो उस समय राज कपूर अक्सर वहां शैलेन्द्र सिंह से मिलने आते थे। शैलेंद्र सिंह अभिनेता बनने की कोशिश में थे और इसी दौरान राज कपूर की फिल्म 'बॉबी' में ऋषि कपूर पर फिल्माए गए गाने भी गा चुके थे। हां, ये एक दिन राज कपूर ने मुझे देखकर ये जरूर कहा था कि तुम सफाई कर्मचारी जैसी लगती हो, मैंने उनसे पूछा कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं ? तो उन्होंने कहा कि मैं जीनत अमान को भी इसी नाम से बुलाता हूं। तुम में मैं जीनत अमान की छवि देखता हूं। राज कपूर का यह मेरे लिए बहुत बड़ा कॉम्प्लीमेंट था और लोगों ने इस बात को तोड़ मरोड़कर कर कुछ और ही पेश कर दिया।’

जया बच्चन ने दिलाई ‘चितचोर’ 
और, ये चर्चा रही है कि ऋषिकेश मुखर्जी ने पहले आपको 'गुड्डी' के लिए फाइनल किया था, लेकिन बाद में ये फिल्म जया बच्चन को मिल गई? इस ‘फैक्ट चेक’ पर जरीना वहाब मासूमियत से जवाब देती हैं, ‘अब देखिए, ये कैसे हो सकता है। जब 'गुड्डी' फिल्म बन रही थी, तब तक मैं इंडस्ट्री में आई ही नहीं थी। जब मैं इंडस्ट्री में आई तो जया जी की शादी हो चुकी थी। श्वेता का जन्म हो चुका था। हां, पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से निकलने के बाद भी जया जी वहां आया करती थी। उन्होंने मेरी बहुत मदद की। राजश्री प्रोडक्शन्स में उन्होंने ही मुझे भेजा था और मुझे उनकी मदद से ही फिल्म 'चितचोर' में काम करने का मौका मिला। हालांकि, इससे पहले मैं देवानंद साहब की फिल्म 'इश्क इश्क इश्क' में काम कर चुकी थी।’

यायावरी में बीता बचपन
जरीना वहाब से मिलकर इंटरनेट पर कम से कम दो गलत जानकारियों के बारे में सही जानकारी मिली। बातचीत के दौरान जिक्र उनके बचपन और परिवार का हुआ तो वह बताती हैं, ‘मैं बचपन में भरतनाट्यम सीखती थी। मेरा पैशन था अभिनय के क्षेत्र में काम करने का। मेरे पिता अब्दुल वहाब आंध्र प्रदेश में डिप्टी सुपरिटेंडेंट थे और मां आशिया बेगम हाउस वाइफ। पिता जी का हर दो साल में आंध्र प्रदेश में ही कहीं न कहीं ट्रांसफर होता रहता था। तो मेरी पढ़ाई आंध्र प्रदेश के तमाम स्कूलों और कॉलेजों में हुई । हर जगह मुझे कुछ न कुछ सीखने को मिलता था।’

तकदीर ने आदित्य से मिलवाया
और, आदित्य पंचोली से मुलाकात कैसे हुई? क्या ये सच है कि आदित्य के मिजाज को देखते हुए लोग कहते थे कि ये शादी छह महीने तक नही टिक पाएगी? जरीना वहाब मुस्कुराते हुए जवाब देती हैं, ‘मैं एक वीडियो फिल्म 'कलंक का टीका' कर रही थी। उन दिनों वीसीआर का जमाना था और वीडियो फिल्में खूब बन रही थी। हालांकि मैं उस वीडियो में काम नहीं करना चाहती थी, लेकिन भाग्य में आदित्य से मिलना लिखा था। रही बात लोगो क्या कह रहे थे उस बारे में मैंने कभी भी ध्यान नहीं दिया। लोगों को मैं दोष भी नही देती। यहां हर इंसान अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं। उस समय लोगों ने जो भी बातें कहीं, उससे मुझे किसी से शिकायत नहीं । लोग आप के बारे में क्या कह रहे है और क्या सोच रहे हैं, बगैर इसके बारे में सोचने के, ये जरूरी है कि हम कैसे हैं।’

दादा मुनि के साथ काम करना सौभाग्य
जरीना वहाब ने वैसे तो तमाम कलाकारों के साथ काम किया है लेकिन दादा मुनि अशोक कुमार का साथ उन्हें भुलाए नहीं भूलता। वह कहती हैं, ‘मैं अपने आपको काफी भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे दादा मुनि अशोक कुमार के साथ फिल्म 'अनपढ़' में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में वह मेरे पापा बने थे।’ जरीना वहाब इन दिनों फिर से सिनेमा में सक्रिय हैं। जल्द ही वह भारत कोकिला सरोजिनी नायडू की बायोपिक में उनकी मां के किरदार में नजर आएंगी।