नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों के कई हिस्सों में पेट्रोल और डीजल का संकट शुरू हो गया है। कई जगह घंटों तक पंप बंद करने पड़ रहे हैं। इससे खेती-किसानी में जुटे किसानों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
पेट्रोलियम डीलर्स का कहना है कि ऑयल कंपनियां आपूर्ति संकट को लेकर कोई स्पष्ट कारण नहीं बता रही हैं। पिछले वर्ष जून के मुकाबले इस जून में 48 से 54 फीसदी मांग बढ़ने के बावजूद पूर्व स्तर की भी आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे पंप संचालकों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं और ग्राहकों व किसानों के सवालों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है। आने वाले दिनों में यह संकट और बढ़ने की संभावना है।
जानकार बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगातार बढ़ी है। पिछले कुछ समय से सरकारी कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुपात में तेल की कीमतें नहीं बढ़ा पा रही हैं। इससे कंपनियों के मुनाफे में कमी आ रही है। अधिक आपूर्ति से अधिक नुकसान और कम आपूर्ति से कम नुकसान के फार्मूले पर चलते हुए कंपनियों ने मांग की अपेक्षा कम आपूर्ति के फार्मूले पर काम शुरू कर दिया है। इससे अघोषित तौर पर पेट्रोल-डीजल की ‘राशनिंग’ की स्थिति नजर आने लगी है।
पेट्रोलियम डीलर्स के मुताबिक, रिलायंस ने तो अपने पंपों पर पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति ही बंद कर दी है। नायरा डीजल की मांग का 40% व पेट्रोल की मांग का 50% ही आपूर्ति कर रहा है। इसी तरह, एचपीसीएल ने अग्रिम भुगतान को कहा है। इसके बाद भी दो से तीन दिन की जरूरत की ही आपूर्ति की जा रही है। देश के कई हिस्सों में प्रचंड गर्मी की वजह से धान की सिंचाई के लिए डीजल की मांग बढ़ी है। दूसरा, गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल-कॉलेज खुलने से भी पेट्रोल-डीजल की डिमांड बढ़ी है।
संकट और बढ़ने की संभावना : डीलरों ने कंपनी और सरकार को कराया अवगत
फोरम ऑफ लाइक माइंडेड स्टेट्स के अनुराग नरायन ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव को बताया है, पूरे देश में एचपीसीएल व बीपीसीएल के स्तर पर पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति में कमी कर दी गई है। देशभर के पेट्रोलियम डीलरों से एडवांस भुगतान की मांग की जा रही है। कारोबार की कार्यप्रणाली में बदलाव को लेकर कोई जानकारी भी साझा नहीं की जा रही है। इससे डीलर्स को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन ने एचपीसीएल के मुख्य महाप्रबंधक नार्थ जोन को पत्र लिखा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजीत कुमार व महासचिव धर्मवीर चौधरी का कहना है कि यूपी में पेट्रोल-डीजल के 7,500 रिटेल आउटलेट हैं। आईओसीएल पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल आपूर्ति व भुगतान की तय प्रक्रिया में बदलाव कर समस्या पैदा कर रहा है।
आपूर्ति कराने की मांग
ऑल इंडिया नायरा डीलर्स वेल्फेयर एसोसिएशन ने मंत्री व मंत्रालय के अधिकारियों को समस्या की जानकारी दी है। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने पेट्रोल पंप डीलरों की मांग के अनुसार डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति कराने की मांग की है।
सरकार ने माना-मांग बढ़ी लेकिन संकट नहीं
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस संकट पर बयान जारी किया है। मंत्रालय ने माना है कि कुछ क्षेत्रों में विशिष्ट स्थानों पर पेट्रोल और डीजल की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जून 2022 की पहली छमाही में 50 प्रतिशत तक वृद्धि की बात कही है। मंत्रालय के अनुसार राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में विशिष्ट स्थानों पर पेट्रोल और डीजल की मांग में इजाफा हुआ है, लेकिन उत्पादन मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
थोक खरीदारों ने अपनी खरीद को खुदरा दुकानदारों में स्थानांतरित कर दिया है। इसके अलावा अवैध बायोडीजल बिक्री पर सरकार की कार्रवाई का भी असर दिखा है। मंत्रालय ने कहा है, तेल कंपनियां चुनौती से निपटने को तैयार हैं। इसके लिए वे डिपो व टर्मिनलों पर स्टॉक बढ़ाकर, टैंक ट्रकों की आवाजाही बढ़ाकर और डिपो व टर्मिनलों में रात की शिफ्ट में काम करने को तैयार हैं।
हानि-लाभ का समीकरण
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इस वर्ष मार्च में क्रूड आयल की दर अब तक के उच्चतम स्तर 123.70 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी। महंगाई दर न बढ़े इसलिए सरकार ने करीब दो महीने से कीमतें नहीं बढ़ने दी हैं। बताया जा रहा है कि इससे पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर कंपनियों को काफी नुकसान हो रहा है।