नई दिल्ली। टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत अपने करियर में कई यादगार पारियां खेल चुके हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी 97 रन की पारी हमेशा याद की जाएगी। 2020/21 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान पंत ने सिडनी में 97 रन की बेहतरीन पारी खेलकर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी। इस मैच में वो भले ही अपने शतक से चूक गए थे, लेकिन बेहतरीन बल्लेबाजी कर उन्होंने भारत को हार से बचाया था। अब पंत ने खुलासा किया है कि चेतेश्वर पुजारा की वजह से वो अपना शतक लगाने से चूक गए थे।
इस मैच में हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने अंत में टिककर बल्लबाजी की थी और टीम इंडिया को हार से बचाया था, लेकिन वो ऋषभ पंत ही थे, जिन्होंने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का हौसला तोड़ा था। जब तक पंत क्रीज पर थे, तब तक भारत की जीत भी संभव दिख रही थी। हालांकि, उनके आउट होने के बाद भारत ने रक्षात्मक रवैया अपना और यह मैच ड्रॉ करा लिया। अगर पंत इस मैच में थोड़ी देर तक और बल्लेबाजी करते तो टीम इंडिया यह मैच जीत सकती थी।
पुजारा ने याद दिलाई शतक की बात
इस मैच में चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत ने चौथे विकेट के लिए 148 रन की साझेदारी की थी और टीम इंडिया को मुश्किल से बाहर निकाला था। इस दौरान पंत 97 रन पर पहुंच चुके थे और वो कंगारू गेंदबाजों की धुनाई करने में व्यस्त थे। इस बीच पुजारा उनके पास पहुंचे और कहा कि आप 97 रन पर हैं, थोड़ा संभलकर खेलने पर आप अपना शतक पूरा कर सकते हैं। पुजारा की यह बात सुनकर पंत का ध्यान टूट गया और वो 97 रन के स्कोर पर ही नाथन लियोन की गेंद पर कैच आउट हो गए।
पंत ने नीरज पांडे की डॉक्यूमेंट्री बंदो में था दम में बताया है कि पुजारा उनके पास पहुंचे और कहा "रिषभ, थोड़ी देर संभलकर खेलो, क्रीज पर रुकने की कोशिश करो। तुम एक रन या दो रन ले सकते हो। तुम्हें चौका-छक्का लगाने की जरूरत नहीं है। मैं थोड़ा गुस्सा हो गया था, क्योंकि उन्होंने मुझे दोहरी मानसिकता में ढकेल दिया था। मुझे यह पसंद है कि मैं अपने प्लान को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट रहूं। हमने इतनी बढ़िया लय हासिल की थी और उस समय मेरे दिमाग में एक बात थी कि ये क्या हो गया। अगर मैं वहां शतक लगाता तो वह मेरे करियर के सबसे बेहतरीन शतक में से एक होता।"
पवेलियन लौटकर गुस्सा थे पंत
उस दौरे में भारतीय टीम की कप्तानी करने वाले अजिंक्य रहाणे ने बताया कि पंत पवेलियन लौटने के बाद गुस्सा थे। उनका मानना था कि जो वो कर रहे थे, अगर उन्हें वही करने दिया गया होता तो उनका शतक तय था। रहाणे ने कहा "पुजारा दूसरे छोर से उन्हें शांत होने के लिए कह रहे थे। हम बाद में रन बना सकते हैं। जब कोई अनुभवी खिलाड़ी आकर आपको बताता है कि अब इंतजार करिए, आप 97 रन पर हैं और अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन अब अगर आप थोड़ा सही से खेलते हैं तो शतक बना सकते हैं। वो अपने स्वाभाविक अंदाज में खेल रहे थे, लेकिन दुर्भाग्य से वो आउट हो गए।"
रहाणे ने आगे कहा "जब वो वापस आए तो निराश थे और गुस्से में थे। उन्होंने कहा- पुजारा भाई आए और मुझे याद दिलाया कि मैं 97 रन पर हूं। मुझे इस बारे में पता भी नहीं था। अगर उन्होंने कुछ नहीं कहा होता तो शायद मैंने अपना शतक पूरा कर लिया होता।"