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नई दिल्ली। विश्व यूथ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में लियोन (मैक्सिको) खेलने गई भारतीय वेटलिफ्टिंग टीम मैक्सिको में फंस गई है। एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य जीतने वाली 18 सदस्यीय टीम को बुधवार को शाम पांच बजे लियोन से मैक्सिको सिटी आना था, लेकिन खराब मौसम का हवाला देकर टीम को फ्लाइट में नहीं चढ़ने दिया गया। उनसे कहा गया पूरी टीम फ्लाइट पर नहीं चढ़ सकती है, सिर्फ तीन सदस्यों को अनुमति मिलेगी। नाबालिग सदस्यों के कारण प्रशिक्षकों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। 

इसके बाद टीम 12 घंटे तक एयरपोर्ट पर फंसी रही। उन्हें ठहराने की भी व्यवस्था नहीं की गई। भारतीय भारोत्तोलन संघ के हस्तक्षेप के बाद एक निम्न स्तरीय होटल में टीम को ठहराया गया है, जहां एक कमरे में तीन से चार सदस्य ठहरे हुए हैं।

एयरपोर्ट पर खाना भी नहीं कराया मुहैया
इस चैंपियनशिप में भारत के गुरुनायडू ने पहली बार देश को विश्व यूथ वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक दिलाया। फंसे हुए सदस्यों में वह भी शामिल हैं। एयरपोर्ट पर 12 घंटे फंसे रहने के दौरान एयरलाइंस की ओर से टीम सदस्यों को खाना भी मुहैया नहीं कराया गया। टीम की चिंता यह थी कि उन्हें मैक्सिको सिटी से एम्सटर्डम आना था, जहां उनका 24 घंटे का ठहराव था। 

एम्सटर्डम नहीं पहुंचने पर होटल की बुकिंग भी रद्द हो गई। हालांकि साई ने हस्तक्षेप कर एक दिन बाद की एम्सटर्डम के होटल में बुकिंग करा दी है। टीम से कहा गया है उन्हें शुक्रवार को फ्लाइट दी जाएगी, लेकिन यह अब तक तय नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय महासंघ के हस्तक्षेप पर टीम को मिला था वीजा
टीम आठ जून को लियोन के लिए रवाना हुई, जबकि उसे वीजा सात जून को बेहद कठिनाईयों के बाद लिया। टीम के सदस्य चार से पांच दिन वीजा के लिए दिल्ली में रहे, जिसके चलते कई लिफ्टरों का प्रदर्शन चैंपियनशिप में प्रभावित रहा। बावजूद इसके टीम ने चार पदक जीते। 

भारतीय संघ ने जब अंतरराष्ट्रीय महासंघ को लिखा तब वीजा दिया गया। वीजा केलिए सभी नाबालिग सदस्यों के माता-पिता को दिल्ली बुलाया गया। चार से पांच सदस्यों के माता-पिता उधार के पैसे से दिल्ली आए। 

हद तो तब हुई जब उधार के पैसे से आए अरुणाचल के कंपू दिगो और आंध्र के वेंकट कृष्णा के माता-पिता को उनके वापस जाने के बाद फिर दिल्ली बुलाया गया। लेकिन भारोत्तोलन महासंघ ने इसका विरोध कर कोच को सामने पेश किया।