रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय सेना की अग्निवीर स्कीम के तहत भर्ती का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कई सरकारी संपत्तियों को बेच चुकी है। अब क्या इनके पास सेना में भर्ती के लिए भी पैसे नहीं हैं। क्या इनके पास देश में सुरक्षा करने वालों के लिए पैसा नहीं है। ये देश सुरक्षा से खिलवाड़ है, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। केंद्र सरकार को श्वेत पत्र जारी करके बताना होगा कि ऐसी स्थिति क्यों आई।
नक्सल मूवमेंट बढ़ने का अंदेशा
भूपेश बघेल ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ये बताए कि पूर्णकालिक भर्ती क्यों नहीं कर रहे हैं। पूर्ण कालिक भर्ती होनी चाहिए हमारी मांग है, पूर्ण कालिक भर्ती करने में तकलीफ क्या है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आखिर किन लोगों ने ट्रेनिंग दी नक्सलियों को ट्रेनिंग किसने दी। हजारों बच्चे बेरोजगार हो जाएंगे यदि वो गुमराह हो गए तो उस गांव के प्रदेश की स्थिति क्या होगी। जवान 20 साल बाद मैच्योर हो जाता है, उसमें समझ आ जाती है। ये युवा जब बेरोजगार हो जाएंगे तो उतने मैच्योर नहीं रहेंगे। इस प्रकार करना ठीक नहीं।
वो तो बंदूक चलाना सीख जाएंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 4 साल बाद जब जवान वापस आएंगे तो क्या सभी को पुलिस में नौकरी मिलेगी। पुलिस लॉ ऑर्डर पर काम करती है। सेना दुश्मन को खत्म करने का काम करती है। दोनों की ट्रेनिंग अलग है इसे नहीं जोड़ा जा सकता। पुलिस आंदोलनकारियों को बातचीत से समझाती है, सेना वो नहीं करती। जो सेना से बेरोजगार होकर लौटेगा उसे तो बंदकू चलाना आ जाएगा, ये समाज को किस दिशा में ले जा रहे हैं, ऐसे लोगों पर तो गिरोह बनाकर आपराधिक घटना में शामिल होने की आशंका भी हो सकती है।