0 अबूझमाड़ सर्वे के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु किया जा रहा है बोरवेल खनन
0 जिला प्रशासन ने झोंकी ताकत, चार बोर मशीनों से दिन-रात बोर खनन का कार्य जारी
0 मसाहती खसरा प्राप्त 20 किसानों के खेत में किया जा चुका है बोर खनन
0 सिंचाई सुविधा मिलने से अबूझमाड़ के किसान ले सकेंगे दो फसलें
0 मसाहती खसरा मिलने के बाद शासन की योजनाओं से जुड़ने ग्रामीणों में उत्साह
0 सर्वे के बाद शासकीय योजनाओं के लाभ मिलने से किसानों के चेहरे पर लौटी खुशी
0 पात्र हितग्राहियो को लाभ दिलाने कलेक्टर-सीईओ कर रहे लगातार मॉनिटरिंग
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अबूझमाड़ क्षेत्र के किसानों को सोलर सिंचाई पम्प के माध्यम से सिंचाई सुविधा का लाभ दिलाने के निर्देश पर जिला प्रशासन नारायणपुर द्वारा तेजी से अमल किया जा रहा है। इस क्षेत्र के मसाहती खसरे प्राप्त किसानों के खेतों में चार बोर मशीनों की मदद से लगातार बोर खनन का कार्य किया जा रहा है। अब तक इस क्षेत्र के 20 किसानों के खेतों में सोलर पम्प की स्थापना के लिए बोर खनन का कार्य पूरा किया जा चुका है। क्रेडा द्वारा यहां सोलर सिंचाई पम्प लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान अबूझमाड़ क्षेत्र के भ्रमण के दौरान जिला प्रशासन नारायणपुर को इस क्षेत्र के अधिक से अधिक किसानों को सोलर सिंचाई पम्प के माध्यम से सिंचाई सुविधा का लाभ दिलाने के निर्देश दिए थे।
मसाहती खसरा मिलने के बाद शासन की योजनाओं से जुड़ने ग्रामीणों में उत्साह
अबूझमाड़ के किसानों का बीते कई सालों से तीन पीढ़ियों का एक ही दर्द। जमीन तो है लेकिन कितनी है, कहां है कोई रिकॉर्ड नहीं। खेती तो करते हैं लेकिन मौसम साथ दे तो। अबूझमाड़ के किसानों का यह हाल था कि बारिश हो जाये तो ठीक वरना भगवान भरोसे ही खेती थी अब तक। खेत में पंप ना होने की वजह से सिंचाई की सुविधा नहीं है। लेकिन अब पट्टा मिल गया है तो जल्द ही खेत मे सोलर पंप लग जायेगा, किसानों को यह उम्मीद थी छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया श्री भूपेश बघेल से। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत अबूझमाड़ सर्वे के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु बोरवेल खनन करने में झोंक दी है। राज्य शासन द्वारा अबूझमाड़ सर्वे-मसाहती खसरा प्राप्त किसानों को खेती को लाभ से जोड़ने, दो फसल लेने और मौसम पर निर्भरता खत्म करने हेतु सौर सुजला योजना से जोड़ा जा रहा।
सर्वे के बाद शासकीय योजनाओं के लाभ मिलने से किसानों के चेहरे पर लौटी खुशी
किसानों के समूह का क्लस्टर बनाकर बोर किया जा रहा। अबूझमाड़ क्षेत्र में आजादी के 75 साल बाद कोई शासकीय योजना पहुंची तो आदिवासी किसानों की खुशी का ठिकाना ना रहा। अब तक इस क्षेत्र के किसान खेती के लिए सिर्फ मानसून पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब सालभर अन्य फसलें भी ले सकेंगे।
किसानों के समूह का क्लस्टर बनाकर किया जा रहा बोर खनन
राज्य शासन की मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा मसाहती खसरा प्राप्त किसानों के खेतों में सिंचाई उपलब्ध कराने हेतु बोर खनन कर सौर सुजला योजना से जोड़ा जा रहा है। अधिक से अधिक किसानों को लाभ हो सभी के खेत मे सिंचाई सुविधा पहुँचे इसके लिए 5-10 एकड़ का क्लस्टर बनाकर बोर खनन किया जा रहा।
चार बोर मशीनों से दिन-रात किया जा रहा है बोर खनन
जिला प्रशासन द्वारा अबूझमाड़ सर्वे-मसाहती खसरा प्राप्त किसानों के खेतों में सौर सुजला योजना से जोड़ने पूरी ताकत झोंक दी है। चार बोर मशीनों से बोर खनन जारी, दिन-रात बोर खनन का कार्य जारी है। अब तक 20 से अधिक किसानों के खेतों में किया जा चुका बोर खनन किया जा चुका है। क्रेडा विभाग द्वारा इन बोर में पम्प लगाने का कार्य भी किया जा रहा है।
कलेक्टर-सीईओ कर रहे मॉनिटरिंग, ताकि पात्र हितग्राहियो को मिले लाभ
राज्य शासन द्वारा अबूझमाड़ सर्वे-मसाहती खसरा प्राप्त किसानों के खेतों में सौर सुजला योजना से जोड़ने के निर्देश के बाद पूरा प्रशासनिक अमला इस कार्य में जुट गया है। कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत देवेश ध्रुव द्वारा इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। इस कार्य में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए टीम का गठन किया गया है, जिसमें जिले अधिकारी से लेकर विभाग के फील्ड कर्मचारी को भी जिम्मेदारी दी गयी है।
अब तक अबूझमाड़ के 58 गांवों के 2500 किसानों को मसाहती खसरा वितरित
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नारायणपुर जिला प्रशासन अधिसूचित 246 गांवों का मसाहती सर्वे करा रहा है, जिससे पता चल सके कि किसके खेत की सीमा कहां तक है। नारायणपुर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने बताया अब तक 58 गांवों का सर्वे हो गया है जिनके 2500 किसानों को मसाहती खसरा वितरित हो चुका है। इस सर्वे से राजस्व रिकॉर्ड बनाने में सहायता मिलेगी और शासकीय योजनाओं का लाभ जरूरतमंद तक पहुंच पायेगा। किसानों को सभी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।