नई दिल्ली। भारतीय ऑटो निर्माताओं को अब क्रैश टेस्ट के लिए अपनी कारों को Global NCAP (ग्लोबल एनसीएपी) में भेजने की जरूरत नहीं है। भारत की जल्द ही अपनी सुरक्षा एजेंसी होगी जिसका नाम Bharat NCAP (भारत एनसीएपी) होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुष्टि की है कि वाहनों के लिए नई सुरक्षा एजेंसी को मंजूरी दे दी गई है और इस संबंध में एक अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने सोशल मीडिया ट्विटर पर इस बारे में एलान किया है। उन्होंने लिखा, "मैंने अब भारत एनसीएपी (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) शुरू करने के लिए जीएसआर अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है, जिसमें भारत में ऑटोमोबाइल को क्रैश टेस्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएगी।"
गडकरी ने कहा, "भारत-एनसीएपी एक उपभोक्ता-केंद्रित मंच के रूप में काम करेगा, जिससे ग्राहक सुरक्षित वाहनों के निर्माण के लिए भारत में ओईएम के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुए अपनी स्टार-रेटिंग के आधार पर सुरक्षित कारों का विकल्प चुन सकेंगे। क्रैश टेस्ट के आधार पर भारतीय कारों की स्टार रेटिंग न सिर्फ कारों में संरचनात्मक और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल की निर्यात-योग्यता को बढ़ाने के लिए भी बेहद जरूरी है।"
गडकरी की घोषणा पहले की रिपोर्टों की पुष्टि करती है कि भारत का अपना वाहन सुरक्षा रेटिंग कार्यक्रम होगा। फिलहाल भारत में बनी कारों को सुरक्षा जांच के लिए ग्लोबल एनसीएपी भेजा जाता है। गडकरी ने कहा कि टेस्टिंग प्रोटोकॉल ग्लोबल क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के जैसा ही होगा। क्रैश टेस्ट मौजूदा भारतीय नियमों को ध्यान में रखेंगे, जिससे कार निर्माता अपने वाहनों की टेस्टिंग भारत की इन-हाउस टेस्टिंग सुविधाओं में कर सकेंगे।
गडकरी ने कहा, "भारत एनसीएपी भारत को दुनिया में नंबर 1 ऑटोमोबाइल हब बनाने के मिशन के साथ हमारे ऑटोमोबाइल उद्योग आत्मानिर्भर को बनाने में एक महत्वपूर्ण साधन साबित होगा।"