नई दिल्ली। आने वाले एक जुलाई से देश में कई नियम-कानून बदलने वाले हैं। ये नियम आपके आर्थिक लेन-देन से होंगे। इन नियमों के लागू होने के बाद कुछ भार आपकी जेब पर भी पड़ सकता है। एक जुलाई से होने वाले बदलावों के दायरे में लेनदेन के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों से लेकर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले और पैन कार्ड धारक भी आएंगे।
ऐसे में इन नियमों के बारे जानना सबके लिए जरूरी हो जाता है। अगर इन चीजों को आपने नजरअंदाज किया तो मुश्किल हो सकती है और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। आइये जानते हैं आप पर नियमों में बदलाव का क्या असर पड़ेगा़?
1. गिफ्ट्स पर देना होगा 10 फीसदी टीडीएस
1 जुलाई 2022 से व्यवसायों से प्राप्त गिफ्ट पर 10 फीसदी की दर से टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) देना पड़ेगा। ये टैक्स सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और डॉक्टरों पर लागू होगा। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए टीडीएस देना तब जरूरी होगा जब किसी कंपनी की ओर से मार्केटिंग के उद्देश्य से उन्हें दिए गए प्रोडक्ट्स वे रखते हैं। वहीं अगर दिया प्रोडक्ट कंपनी को वापस लौटा दिया जाता है, तो टीडीएस लागू नहीं होगा।
2. पेमेंट गटवे और ऑनलाइन कारोबार करने वाले डेबिट और क्रेडिट कार्ड की डिटेल नहीं कर पाएंगे सेव
एक जुलाई से पेमेंट गेटवे, मर्चेंट, पेमेंट एग्रीगेटर और अधिग्रहण करने वाले बैंकों के लिए ग्राहकों के कार्ड की डिटेल सेव करने पर पाबंदी लग जाएगी। बैंक ग्राहकों की सुरक्षा को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 जुलाई 2022 से डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से लेनदेन में टोकन (Card Tokenisation) के इस्तेमाल का प्रावधान किया है। कार्ड डिसक्रिप्शन को टोकन से बदलने को टोकनाइजेशन कहा जाता है, यह कार्ड से लेनदेन का एक सुरक्षित तरीका माना जाता है। इस नियम के लागू हो जाने के बाद से ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियां अपने ग्रहकों की कार्ड डिटेल्स अपने पास सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। ऐसा करने से आम आदमी का डेटा सुरक्षित रह सकेगा।
3. क्रिप्टोकरेंसी पर साल में दस हजार से ज्यादा खर्च किया तो देना होगा टीडीएस
1 जुलाई 2022 के बाद से IT अधिनियम की नई धारा 194S के तहत क्रिप्टोकरेंसी के लिए किया गया लेन-देन अगर एक साल में 10,000 रुपये से ज्यादा है तो उस पर एक फीसदी का चार्ज किया जाएगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के लिए टीडीएस के डिस्क्लोजर मानदंडों की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके दायरे में सभी एनएफटी या डिजिटल करेंसी आएंगे।
4. निवेशक डीमैट अकाउंट की केवाईसी अपडेट नहीं कर पाएंगे
डीमैट (Demat account) और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए केवाईसी (KYC) पूरा करने की आखिरी तारीख 30 जून 2022 है। इससे पहले डीमैट खातों के लिए केवाईसी अनुपालन 31 मार्च 2022 तक पूरा करना था। लेकिन बाद में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने इसकी समय सीमा बढ़ा दी थी। मालूम हो कि डीमैट अकाउंट में शेयर और सिक्योरिटीज रखने के लिए सुविधा दी जाती है। ऐसे में अगर 30 जून तक आपके अपने डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की केवाईसी प्रक्रिकया पूरी नहीं की तो 30 जून के बाद आपको परेशानी हो सकती है।
5. 30 जून तक आधार पैन लिंक नहीं किया तो देना होगा दोगुना जुर्माना
जुर्माने के साथ पैन कार्ड (PAN Card) और आधार (Aadhaar Card) को लिंक करने की आखिरी तारीख सरकार की ओर से 31 मार्च 2023 की तय की गयी है। लेकिन अगर आप 30 जून 2022 के बाद यानी 1 जुलाई 2022 के बाद ऐसा करते हैं तो आपको दोगुना जुर्माना भरना पड़ेगा। आपको बता दें कि पैन और आधार को लिंक करने के लिए अभी 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है लेकिन अगर आपने 30 जून तक इस काम को खत्म नहीं किया तो एक जुलाई से आपको इन दस्तावेजों को लिंक करने के लिए 1,000 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा।
6. बढ़ सकते हैं काम के घंटे
1 जुलाई से सरकार नया लेबर कोड लागू कर सकती है। चार नए लेबर कोड लागू होने के बाद कामगारों के लिए काम के घंटे बढ़ सकते हैं, क्योंकि नए लेबर कोड में आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम का प्रावधान किया गया है। कंपनियां अपने कर्मचारियों से आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम करने को कह सकती है, पर उन्हें इसके बदले कर्मियों को हफ्ते में तीन दिन छुट्टी देनी होगी।
7. इन हैंड सैलरी में हो सकती है कमी
1 जुलाई से अगर नया लेबर कोड लागू होता है तो कामगारों की इन हैंड सैलरी में भी कमी जा सकती है। नए लेबर कोड के लागू होने के बाद कंपिनयों को अपने कर्मियों की बेसिक सैलरी को बढ़ाकर कम से कम ग्रॉस सैलरी का 50 प्रतिशत करना पड़ेगा। ऐसा करने से पीएफ और ग्रेच्युटी में कर्मी का योगदान बढ़ जाएगा और उसके सैलरी से इन मदों में अधिक राशि की कटौती होने लगेगी। ऐसा करना कर्मचारियों के भविष्य के लिए तो ठीक है पर इससे वर्तमान में उनके खाते में क्रेडिट होने वाली सैलरी की राशि 7 से 10 फीसदी तक घट सकती है।
8. रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में हो सकता है बदलाव
एक जुलाई से देश में रसोई गैस के सिलेंडरों की कीमतों में भी बदलाव हो सकता है। हर महीने की पहली तारीख को तेल विपणन कंपनियां रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में बदलाव का फैसला लेती हैं। आपको बता दें कि एलपीजी की कीमतें टैक्स के कारण हर राज्य में अलग-अलग होती है। संभावना है कि टैक्स की दरों में उतार-चढ़ाव के कारण सिलेंडरों की कीमत में बदलाव आ सकता है।
9. दोपहिया वाहनों की कीमतें बढ़ेंगी
1 जुलाई से देश में दोपहिया वाहनों की कीमतें भी बढ़ जाएंगी। भारत में दोपहिया वाहनों की दिग्गज कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने अपने वाहनों की कीमत में बढ़ोतरी का पहले ही घोषणा कर दी है। कंपनी ने अपने ब्रांड्स की कीमतों को 3,000 रुपये तक बढ़ाने का फैसला किया है। लगातार बढ़ रही महंगाई और रॉ मैटेरियल की कीमतों में तेजी के प्रभाव को कम करने के लिए कंपनी ने यह फैसला लिया है। दोपहिया वाहनों की कीमतों में वृद्धि अलग- अलग मॉडल और बाजार की स्थिति के अनुसार करने की बात कही गयी है। हीरो मोटोकॉर्प की तरह दूसरी कंपनियां भी अपने वाहनों की कीमतें बढ़ा सकती हैं।
10. एयर कंडीशनर्स भी हो जाएंगे महंगे
1 जुलाई से देश में एसी भी महंगे हो जाएंगे। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी BEE ने एयर कंडीशनर्स के लिए एनर्जी रेटिंग के नियमों में बदलाव कर दिया है। यह बदलाव 1 जुलाई से ही लागू होने हैं। नए नियमों के लागू होने के बाद यानी एक जुलाई से 5-स्टार एसी की रेटिंग घटकर सीधे 4-स्टार हो जाएगी। नई एनर्जी एफिशिएंसी दिशा निर्देशों के अमल में आने के बाद देश में एसी की कीमतों में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।