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0 आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहीं स्वसहायता समूहों की महिलाएं
0 कृषक उत्पादक संगठन से जुड़कर तकनीकी और व्यावसायिक हुनर को संवार रहीं

जशपुर। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने सोमवार को जशपुर जिले के रंजीता स्टेडियम परिसर में स्थित फूड प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग लैब में खाद्य उत्पाद प्रसंस्करण प्रयोगशाला एवं पैकेजिंग केंद्र भवन का लोकार्पण किया।  यह भवन डीएमएफ फंड द्वारा लगभग 22 लाख 72 हजार रुपए की लागत से तैयार किया गया है। यहां स्थापित विभिन्न मशीनों की लागत लगभग 34 लाख रुपए है।

अधिकारियों ने बताया कि यह प्रदेश का पहला उच्च स्तरीय लैब है, जिसमें विभिन्न उत्पादों के रॉ-मटेरियल को प्रसंस्कृत कर विक्रय के लिए सी मार्ट में भेजा जाता है, जिससे समूह की महिलाओं को अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। उत्पादों को प्रसंस्कृत करने के लिए बॉन्ड सिलर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैप सिलर, ऑटोमैटिक ग्रेनुअल फीलिंग मशीन, टी बैग फीलिंग मशीन, वैक्यूम पैकेजिंग, च्यवनप्राश एवं हनी पैकेजिंग, सैनिटाइजर फीलिंग मशीन, बी ओ डी इंक्यूबेटर, लेमिनर एयर फ्लो, फ्यूम हुड, मॉइश्चर एनालाइजर जैसी अत्याधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाएगा।

समूह की महिलाओं ने बताया कि लैब में अलग-अलग उत्पादों का उत्कृष्ट प्रसंस्करण कर आकर्षक और अत्याधुनिक पैकेजिंग की जाती है। मां खुड़िया रानी कृषक उत्पादक संगठन के तहत 104 समूह हैं, जिनमें 1080 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इन महिलाओं के द्वारा रागी-कुकीज, पांच अलग फ्लेवर में काजू, सात किस्म की जशपुर चाय के अलावा जवां फूल, जीरा फूल जैसे ऑर्गेनिक चावल का भी प्रसंस्करण किया जा रहा है।

     पार्वती महिला समूह की अध्यक्ष कमला विश्वकर्मा ने बताया कि उनके समूह में 11 सदस्य हैं जो लघु वनोपज सहित धान, गेहूं, सरसों, काजू, रागी, कुटकी के अलावा कटहल, हल्दी, चायपत्ती जैसे विभिन्न उत्पादों को स्थानीय संग्राहकों से खरीदकर समूह की महिलाओं द्वारा प्रसंस्कृत किया जाता है, जिसे सी मार्ट में विक्रय किया जा रहा है। इससे समूह को आय हो रही है। यह भी बताया गया कि उन्नत एवं आधुनिक मशीनों के स्थापित किए जाने से अधिक से अधिक महिलाओं को स्वावलंबन का अवसर उपलब्ध होगा। जागरूकता और शासन की मदद से ग्रामीण महिलाओं की प्रतिभाएं सामने आ रही है। इसका श्रेष्ठ और ज्वलंत उदाहरण मां खुड़ियारानी कृषक उत्पादक संगठन के तहत गठित समूहों की महिलाएं हैं, जिन्होंने फूड प्रोसेसिंग की बारीकियों को सीख कर और उन्नत तकनीकों से रूबरू होकर आर्थिक सशक्तिकरण के मार्ग पर आगे बढ़ रही है।

कृषक उत्पादक संगठन से जुड़कर तकनीकी और व्यावसायिक हुनर को संवार रहीं