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0 सहायक रिटर्निंग ऑफिसर सीलबंद मतपेटी को लेकर दिल्ली रवाना

0 नेता प्रतिपक्ष कौशिक बोले- गैर एनडीए दलों से भी मुर्मू को समर्थन

रायपुर। देश के 16वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार सुबह 10 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे खत्म हो गया। विधानसभा भवन में बनाए गए मतदान केंद्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत तथा नेता प्रतिपक्ष   धरमलाल कौशिक सहित सभी 90 विधायकों ने वोट डाले। मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ। मतदान की निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद शाम 5 बजे मतपेटी को सीलबंद किया गया। राष्ट्रपति निर्वाचन-2022 के लिए नियुक्त सहायक रिटर्निंग ऑफिसर सीलबंद मतपेटी को लेकर रात सवा नौ बजे के नियमित विमान से नई दिल्ली रवाना हो गए। वहां 21 जुलाई को मतों की गिनती की जाएगी।

सबसे पहले भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने मतदान किया तो सबसे अंत में कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव ने वोटिंग की। कांग्रेस की ओर से सबसे पहले पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने मतदान किया। शाम 5 बजे मतपेटी को सील किया गया। इसके बाद फ्लाइट से निर्वाचन अधिकारियों की टीम मतपेटी और दूसरे दस्तावेज लेकर दिल्ली रवाना हो गई। वहां मतपेटी को राज्यसभा सचिवालय के स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा, जहां 21 जुलाई को मतगणना होगी। 

 छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन में बनाए गए स्ट्रांग-रूम से आज सुबह मतपेटी को निकालकर मतदान कक्ष में रखा गया। राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त ऑब्जर्वर व प्रेक्षक तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की मौजूदगी में सीलबंद मतपेटी को खोलकर व जांचकर मतदान के लिए रखा गया। शाम पांच बजे मतदान की निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद मतपेटी को पुनः सीलबंद किया गया। मतदान के लिए मतपेटी को खोलने और मतदान के बाद पुनः सीलबंद करने के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी. दयानंद, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शिखा राजपूत तिवारी, विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए नियुक्त ऑब्जर्वर राकेश रंजन और प्रेक्षक मलय मलिक, उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट विधायक मोहित राम केरकेट्टा एवं डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी मौजूद थे।  

मतदान करने पहुंचे सिंहदेव, इस्तीफे के बाद पहली बार सामने आए
इस्तीफा देने के बाद पहली बार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी सामने आए। वह भी मतदान के लिए पहुंचे। उनके साथ विधायक छन्नी साहू और शैलेष पांडेय भी थे। विधानसभा में सिंहदेव को देखते ही विधायक कुलदीप जुनेजा उनके पास गए और फिर मतदान कराया। इससे पहले स्पीकर डाक्टर चरणदास महंत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई विधायक मतदान कर चुके थे। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि उम्मीद है कि भाजपा प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को छत्तीसगढ़ से रिकार्ड वोट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि गैर एनडीए दल ने भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया है।  पंचायत विभाग से इस्तीफे के बाद पहली बार सिंहदेव मीडिया के सामने आए। मतदान के बाद सिंहदेव ने मीडिया से कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह विभाग में सफल नहीं हो पा रहे थे। ठीक से काम भी कर पा रहे थे। इसके चलते खुद को अलग कर लिया। सिंहदेव ने कहा कि वह 20 जुलाई को गुजरात जा रहे हैं। वहां से दिल्ली जाएंगे और पार्टी हाईकमान से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कई विधायक अनुभवी हैं। उनका कार्यकाल भी लंबा है। अगर उनको लगता है कि इस्तीफा अनुशासनहीनता है तो सभी को स्वतंत्रता है। मैंने अपनी राय उस पत्र के माध्यम से व्यक्त की थी। सिंहदेव ने कहा कि केंद्रीय पंचायती राज मंत्री छत्तीसगढ़ दौरे पर आए थे। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री आवास और रोजगार गारंटी में यहां बहुत खराब काम हो रहा है। इसका मुझे बुरा लगा। जब काम अच्छा नहीं हो रहा है तो मैं भी विभाग में न रहूं। हो सकता है कि बेहतर काम हो सके। मुझे महसूस हुआ कि उस विभागीय मंत्री के रूप में मैं कारगर नहीं हो पा रहा हूं।

द्रौपदी मुर्मू के लिए भाजपा ने की है तगड़ी लॉबिंग
एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाई गईं द्रौपदी मुर्मू के लिए भाजपा ने तगड़ी लॉबिंग की है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के 14 विधायक हैं। उसने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के तीन और बहुजन समाज पार्टी के दो विधायकों को भी अपने साथ कर लिया है। ऐसे में उनके ठोस वोट की संख्या 19 हो गई है। केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और सांसद फूलोदेवी नेताम को व्यक्तिगत तौर पर पत्र लिखकर मुर्मू के लिए समर्थन मांगा। भाजपा जिलाध्यक्षों ने अपने यहां सभी कांग्रेस विधायकों से मुर्मू के लिए वोट मांगा है। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता भी मुर्मू के लिए वोट मांगने कांग्रेस विधायकों के घर पहुंचे थे। विधायकों को दो बार मतदान का प्रशिक्षण दिया गया।

यशवंत सिन्हा को केवल कांग्रेस के ही वोट
इधर संयुक्त विपक्ष की ओर से उम्मीदवार बनाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को केवल कांग्रेस के वोटों का ही भरोसा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 71 विधायक हैं। इसमें से आधे लोग आदिवासी समुदाय से आते हैं। कांग्रेस का पूरा जोर इन वोटों को यशवंत सिन्हा के पक्ष में एकजुट रखने की है। विधायकों को इसका संदेश दिया जा चुका है।
रविवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में करीब 15-20 मिनट का एक प्रशिक्षण हुआ। इसमें विधायकों को राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया समझाई गई। पहचान पत्र और सभी आवश्यक दस्तावेज अनिवार्य रूप से लेकर विधानसभा पहुंचने को कहा गया।  

गए मतदान

राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतपेटी को कुछ इस तरह तैयार किया गया।

मुख्यमंत्री श्री