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0 डीए-एचआरए को लेकर आंदोलन कर रहे हैं
रायपुर। इस सप्ताह छत्तीसगढ़ में सरकारी कामकाज पर हड़ताल का संकट है। सोमवार को प्रदेश भर में अधिकारी-कर्मचारी कलमबंद हड़ताल पर जा रहे हैं। कर्मचारी संगठनों के एक धड़े ने इस हड़ताल की समयसीमा एक सप्ताह तय की है। वहीं कुछ संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी में हैं। कर्मचारी संगठन महंगाई भत्ता और घर किराया भत्ता बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 25 जुलाई से 29 जुलाई तक कलम बंद-काम बंद हड़ताल की घोषणा की है। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, महासचिव आरके रिछारिया, सचिव राजेश चटर्जी, कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा, प्रवक्ता बीपी शर्मा और संगठन मंत्री संजय सिंह का कहना है कि राज्य सरकार ने एक जुलाई 2019 से एक जुलाई 2022 तक स्वीकृत होने वाले मंहगाई भत्ते को केन्द्र सरकार के समान लागू नहीं किया है। इसकी वजह से राज्य कर्मचारियों-अधिकारियों को जबरदस्त आर्थिक चपत लगी है।

कर्मचारी नेताओं का कहना था, केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2019 को 12 % मंहगाई भत्ता में 5% वृद्धि कर 17% कर दिया था। वहीं राज्य सरकार ने एक जुलाई 2021 से मंहगाई भत्ता में 5% बढोतरी की। इसकी वजह से एक जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों के मासिक वेतन में 5% की रकम कम मिली। कर्मचारी नेताओं का कहना है, केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 34% DA मिल रहा है जबकि राज्य में यह केवल 22 % है। वह भी एक मई 2022 से लागू की गई है। जिसके कारण राज्य के कर्मचािरयों-अधिकारियों के मासिक वेतन में 12% की कटौती हो रहा है। कर्मचारी नेताओं ने कहा, 25 जुलाई से 29 जुलाई तक छत्तीसगढ़ के कर्मचारी-अधिकारी अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल करेंगे। सरकारी दफ्तरों में 5 दिन काम बंद रहेगा।

भत्ते को लेकर भी आक्रोशित हैं कर्मचारी
कर्मचारी नेताओं का कहना है, घर किराया भत्ता मामले में राज्य सरकार कम रकम दे रही है। राज्य में जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया था। लेकिन कर्मचारी-अधिकारियों को आज तक छठवें वेतनमान के मूलवेतन पर 10% और 7% की दर से घर किराया भत्ता दिया जा रहा है। कंद्रीय कर्मचारियों को यही भत्ता 18% और 9% की दर से मिल रहा है।

स्कूल-अस्पताल भी प्रभावित हो सकते हैं
पिछले एक महीने से चल रही कर्मचारी संगठनों की तैयारी को देखकर आशंका है कि इस हड़ताल से स्कूल-कॉलेज और अस्पताल तक प्रभावित हो सकते हैं। बताया जा रहा है, प्रशासन के जिला कार्यालय से लेकर मंत्रालय तक में कर्मचारियों ने अवकाश के सामूहिक अवकाश दिए हैं। इसपर सरकार क्या फैसला लेती है यह तो पहले दिन हड़ताल का प्रभाव देखकर पता चलेगा।